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बेटे का शव देख पिता बोले: पढ़ाई में अच्छा था… यहां प्रेशर नहीं झेल पाया, कोटा में पढ़ने आए छात्र ने दी जान

Kota Suicide News: कोटा पहुंचे पिता बेटे का शव देखकर बिलख पड़े। उन्होंने कहा- हमें नहीं पता था कि ऐसा हादसा हो जाएगा। हॉस्टल में रहने वाले छात्र ने आत्महत्या कर ली।

कोटाDec 21, 2024 / 04:20 pm

Suman Saurabh

JEE student committed suicide in Kota

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कोटा में पढ़ाई करने आए एक छात्र मंयक (16) ने आत्महत्या कर ली। वह 8 महीने पहले बिहार के वैशाली से JEE की तैयारी करने कोटा आया था। वह परिवार में इकलौता बेटा था। सूचना मिलने पर शनिवार को कोटा पहुंचे पिता बेटे का शव देखकर बिलख पड़े।
उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं पता था कि उनका बेटा ऐसा कदम उठा सकता है। उन्होंने कहा कि उनका बेटा पढ़ाई में अच्छा था…कोटा आने के बाद वह यहां का दबाव नहीं झेल पाया। क्लास से गायब रहने की शिकायतें आती रहती थी लेकिन हम बच्चों को कई बार समझाते थे, हमें नहीं पता था कि ऐसा हादसा हो जाएगा।

हॉस्टल में रह रहा था छात्र

दरअसल, कोटा के विज्ञान नगर थाना क्षेत्र में शुक्रवार को एक हॉस्टल में रहने वाले छात्र मंयक ने कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। वह विज्ञान नगर इलाके में एक हॉस्टल में रह रहा था। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार हॉस्टल के कमरे में एंटी हैंगिंग डिवाइस भी लगी हुई थी, लेकिन इसके बावजूद छात्र ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।

फोन रिसीव नहीं होने पर परिजन ने वार्डन को किया कॉल

प्रारंभिक जांच में पता चला है कि 19 दिसंबर की रात को मंयक ने खाना खाया था। उसी दिन परिवार से उसकी अंतिम बातचीत हुई। अगले दिन 20 दिसंबर को परिजनों ने दोबारा फोन किया तो कॉल रिसीव नहीं हुई। परिजनों ने तुरंत वार्डन को फोन कर बताया कि मयंक फोन नहीं उठा रहा है। वार्डन कमरे में गए। कमरा अंदर से बंद था। आवाज लगाने पर भी अंदर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। इसके बाद वार्डन ने दरवाजा तोड़ा। अंदर मयंक का शव फंदे से लटका हुआ था।

पिता बोले- कोटा का दबाव नहीं झेल पाया

मयंक के पिता नीलेश सिंह बैंक कर्मचारी हैं। वे बिहार के वैशाली के रहने वाले हैं। मयंक उनका इकलौता बेटा था। उन्होंने बताया कि वह पढ़ाई में अच्छा था। उसने 10वीं में 70% अंक हासिल किए थे। वह अपनी मर्जी से कोटा पढ़ने आया था, लेकिन यहां का दबाव नहीं झेल पाया। क्लास में अनुपस्थित रहने की शिकायतें मिलती थी। उसे हमने कई बार समझाया।
वह मुझसे अधिक अपने दादा से बात करता था। आखिरी बार 19 दिसंबर को उससे बात हुई थी। अगले दिन हमें उसके आत्महत्या करने की खबर मिली। खबर मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया। उन्होंने कहा कि हमें अंदाजा नहीं था कि ऐसा हादसा हो जाएगा।

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