href="https://www.patrika.com/topic/kota/" target="_blank" rel="noopener">कोटा विश्वविद्यालय में पिछले साल तक सिर्फ अध्यक्ष और महासचिव के पद पर ही चुनाव होता था, लेकिन इस बार संयुक्त सचिव और उपाध्यक्ष पद के लिए भी चुनाव होना है। छात्रसंघ चुनावों में दो पद बढ़ने से छात्र संगठनों की रणनीति गड़बड़ा गई। आलम यह है कि पिछले चुनावों तक कट्टर दुश्मन माने जाने वाले धड़े भी इस बार एक मंच पर दिखाई दे रहे हैं। एबीवीपी ने अध्यक्ष पद पर पिंकेश मीणा और महासचिव पद के लिए संदीप जांगिड़ को प्रत्याशी घोषित किया है। वहीं नाराज गुट को मनाने के लिए उनके दो प्रत्याशियों को संयुक्त सचिव और उपाध्यक्ष पद दे दिया है।
प्रत्याशियों का पड़ा टोटा कोटा विश्वविद्यालय के
छात्र संघ चुनाव में पहली बार दो पद बढ़े। वहीं दूसरी ओर सरकार ने प्रथम वर्ष के छात्रों को चारों प्रमुख पदों पर चुनाव लड़ने से रोक दिया। जिसके चलते प्रत्याशियों का टोटा पड़ गया। एबीवीपी ने तो जैसे-तैसे अपने नाराज धड़े को मनाकर सभी पदों पर प्रत्याशी उतारने की तैयारी पूरी कर ली, लेकिन एनएसयूआई आखिरी समय तक चारों पदों पर प्रत्याशी तय नहीं कर सकी है।
निर्विरोध हो सकता है निर्वाचन कोटा विश्वविद्यालय में बुधवार को नामांकन दाखिल किया जाएगा। हालांकि कैम्पस के पुराने खिलाड़ियों का मानना है कि इस बार कम से कम तीन पदों पर निर्विरोध निर्वाचन होगा।
कोटा विश्वविद्यालय छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष प्रवीण गालव बताते हैं कि अक्सरकर एबीवीपी में पुराने कार्यकर्ताओं को टिकट ना मिलने से फूट पड़ती थी और दो धड़े एक दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ते थे, लेकिन इस बार दो की बजाय चार पद होने से यह नौबत नहीं आई। वहीं परिषद ने पुराने छात्र नेताओं को पहले ही एक करने की कोशिश शुरू कर दी थी, जिससे सभी की नाराजगी भी खत्म हो गई। वहीं एनएसयूआई के कमजोर होने का फायदा भी मिलेगा।
कॉमर्स कॉलेज में होगी कांटे की टक्कर इस बार छात्रसंघ चुनावों में सबसे ज्यादा रोचक मुकाबला कॉमर्स कॉलेज में होगा। छात्र नेता देववृत सिंह हाड़ा बताते हैं कि कॉमर्स कॉलेज पर कब्जा करने के लिए एनएसयूआई के दो धड़े हो गए हैं। पूर्व जिलाध्यक्ष अनुराग गौतम और पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष तरुण चतुर्वेदी अपना पैनल अलग उतार रहे हैं। जबकि एनएसयूआई जिलाध्यक्ष अलग। वहीं एबीवीपी यहां एक जुट है। जिससे कॉमर्स कॉलेज में मुकाबला त्रिकोंणीय हो जाएगा।