कोटा के 3 बडे़ अस्पतालों ने उठाया
भामाशाह योजना का गलत फायदा, NIACL ने किया Black Listed जेके लोन अस्पताल में सोनोग्राफी कक्ष में दो मशीने लगी है। इनमें से एक ही मशीन पूरी तरह से सही चल रही है। दूसरी को एमबीएस अस्पताल जुगाड़ से चलाया जा रहा है। मरीजों को इंतजार दर इंतजार करना पड़ता है। जबकि इन दिनों सोनोग्राफी के लिए मरीजों की प्रतिदिन साढ़े तीन सौ मरीजों की ओपीडी चल रही है। इसके चलते मरीजों का एक सप्ताह में भी नम्बर नहीं आ रहा है। इसके चलते मरीजों की सोनोग्राफी कक्ष के बाहर कतारें देखने को मिल रही है।लोगों ने लगाई सेहत की दौड, पसीना बहा कर सैकडाें लाेग हुए स्वस्थ्य
ऐसे चली रही मशीन जुगाड़ सेयहां दो सोनोग्राफी मशीन लगी है, लेकिन इसमें से एक मशीन का डोपलर खराब पड़ा है। एमबीएस अस्पताल की बंद पड़ी सोनोग्राफी मशीन का डोपलर जेके लोन अस्पताल की डोपलर में लगा रखा है। इस कारण मरीजों की समय पर सोनोग्राफी नहीं हो पा रही है।
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प्रतिदिन होती 80 सोनोग्राफी जेके लोन अस्पताल में ओडीपी भले साढ़े तीन सौ मरीजों की है,लेकिन इनमें से प्रतिदिन मात्र 80 मरीजों की ही सोनोग्राफी हो पाती है। बाकी अन्य दिनों में मरीजों का नम्बर आता है। ऐसा नहीं कि सोनोग्राफी सिर्फ महिलाओं की होती है, वरन छोटे बच्चों की भी यहां सोनोग्राफी होती है। यहां प्रतिदिन 10 से 15 बच्चों की प्रतिदिन सोनोग्राफी होती है। उन्हें भी महिलाओं के साथ कतारों में लगना पड़ता है।खुशखबरी: मुक्तिधाम की बदहाली दूर करने आए शहर के कई संगठन एवं कार्यकर्ता
इनकी पीड़ा, इनकी जुबानी
बडग़ांव निवासी चन्द्रकलां ने बताया कि वह पिछले बुधवार व शनिवार को अस्पताल में सोनोग्राफी के लिए आए थी, लेकिन नम्बर नहीं आया। सोमवार को सुबह 8 बजे आई। दोपहर 12 बजे नम्बर आया।
चेचट निवासी मंगला बाई ने बताया कि वह भी सुबह 8.30 बजे से आई है, लेकिन दोपहर 12 बजे नम्बर आया। यहां पांच-पांच घंटे में मरीजों का नम्बर आ रहा है।