scriptइस अस्पताल में इलाज में भी जुगाड़, आज नम्बर लगाओ और हफ्ते भर बाद इलाज कराने आओ | Sonography Machine Disorder in Hospital of Kota | Patrika News
कोटा

इस अस्पताल में इलाज में भी जुगाड़, आज नम्बर लगाओ और हफ्ते भर बाद इलाज कराने आओ

कोटा. अस्पतालों में सरकारी व्यवस्थाएं भी कागजी घोड़े की तरह दौड़ रही है। चल जाए तो ठीक, नहीं तो फाइलों में दफन होकर रह जाती है।

कोटाNov 20, 2017 / 06:54 pm

abhishek jain

जे के लोन अस्पताल
कोटा .

सरकारी व्यवस्थाएं भी कागजी घोड़े की तरह दौड़ती है। चल जाए तो ठीक, नहीं तो फाइलों में दफन होकर रह जाती है। कुछ ऐसा ही हाल हो रहा संभाग के सबसे बड़े अस्पताल जेके लोन का। अस्पताल प्रशासन नई सोनोग्राफी मशीन खरीद के लिए एक साल से अधिक समय से प्रयास कर रहा है, लेकिन सबसे बड़ी विडम्बना है कि वह अभी तक नहीं खरीद पाया है। इसके चलते पुरानी सोनोग्राफी मशीनों को जुगाड़ से चलाकर मरीजों की सेहत जांची जा रही है।
यह भी पढ़ें

कोटा के 3 बडे़ अस्पतालों ने उठाया

भामाशाह योजना का गलत फायदा, NIACL ने किया Black Listed

जेके लोन अस्पताल में सोनोग्राफी कक्ष में दो मशीने लगी है। इनमें से एक ही मशीन पूरी तरह से सही चल रही है। दूसरी को एमबीएस अस्पताल जुगाड़ से चलाया जा रहा है। मरीजों को इंतजार दर इंतजार करना पड़ता है। जबकि इन दिनों सोनोग्राफी के लिए मरीजों की प्रतिदिन साढ़े तीन सौ मरीजों की ओपीडी चल रही है। इसके चलते मरीजों का एक सप्ताह में भी नम्बर नहीं आ रहा है। इसके चलते मरीजों की सोनोग्राफी कक्ष के बाहर कतारें देखने को मिल रही है।

यह भी पढ़ें

लोगों ने लगाई से‍हत की दौड, पसीना बहा कर सैकडाें लाेग हुए स्वस्थ्य

ऐसे चली रही मशीन जुगाड़ से
यहां दो सोनोग्राफी मशीन लगी है, लेकिन इसमें से एक मशीन का डोपलर खराब पड़ा है। एमबीएस अस्पताल की बंद पड़ी सोनोग्राफी मशीन का डोपलर जेके लोन अस्पताल की डोपलर में लगा रखा है। इस कारण मरीजों की समय पर सोनोग्राफी नहीं हो पा रही है।
यह भी पढ़ें

जूनियर इंजीनियर के साथ अफसरों ने किया कुछ ऐसा, परेशान होकर लगा ली फांसी

प्रतिदिन होती 80 सोनोग्राफी

जेके लोन अस्पताल में ओडीपी भले साढ़े तीन सौ मरीजों की है,लेकिन इनमें से प्रतिदिन मात्र 80 मरीजों की ही सोनोग्राफी हो पाती है। बाकी अन्य दिनों में मरीजों का नम्बर आता है। ऐसा नहीं कि सोनोग्राफी सिर्फ महिलाओं की होती है, वरन छोटे बच्चों की भी यहां सोनोग्राफी होती है। यहां प्रतिदिन 10 से 15 बच्चों की प्रतिदिन सोनोग्राफी होती है। उन्हें भी महिलाओं के साथ कतारों में लगना पड़ता है।
यह भी पढ़ें

खुशखबरी: मुक्तिधाम की बदहाली दूर करने आए शहर के कई संगठन एवं कार्यकर्ता



इनकी पीड़ा, इनकी जुबानी
बडग़ांव निवासी चन्द्रकलां ने बताया कि वह पिछले बुधवार व शनिवार को अस्पताल में सोनोग्राफी के लिए आए थी, लेकिन नम्बर नहीं आया। सोमवार को सुबह 8 बजे आई। दोपहर 12 बजे नम्बर आया।
प्रेमनगर निवासी रजिया ने बताया कि वह शनिवार को सोनोग्राफी के लिए आई थी, लेकिन नम्बर नहीं आया। इस कारण मायूस होकर चली गई। सोमवार को सुबह 8 बजे पहुंची, लेकिन दोपहर में नम्बर आया।
चेचट निवासी मंगला बाई ने बताया कि वह भी सुबह 8.30 बजे से आई है, लेकिन दोपहर 12 बजे नम्बर आया। यहां पांच-पांच घंटे में मरीजों का नम्बर आ रहा है।
यह भी पढ़ें

छोटे पर्दे पर अब कोटा के छोटे ने मचाया धमाल, इस बड़े सीरियल में मिला अहम रोल

इनका कहना

ड्यूटी डॉक्टर रेजीडेट्स डॉ. भजनलाल का कहना है कि अस्पताल में सप्ताह के तीन दिन ज्यादा सोनोग्राफी होती है। इस कारण भीड़ रहती है। यहां दो मशीनों में सोनोग्राफी की जाती है। दोपहर 12 बजे तक ही सोनोग्राफी की व्यवस्था की हुई है। उसके बाद अगले दिन नम्बर आता है।
जेके लोन अस्पताल अधीक्षक डॉ. आरके गुलाटी का कहना है कि अस्पताल में मरीजों की संख्या को देखते हुए नई सोनोग्राफी मशीन खरीदने के लिए प्रस्ताव बनाकर मेडिकल कॉलेज अस्पताल प्रशासन को भिजवा रखा है। सही तरीके से एक ही मशीन काम कर रही है। उसमें जितना होता है, उतना कर लेते है।

Hindi News / Kota / इस अस्पताल में इलाज में भी जुगाड़, आज नम्बर लगाओ और हफ्ते भर बाद इलाज कराने आओ

ट्रेंडिंग वीडियो