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राणा प्रताप सागर में बनाएंगे पम्प स्टोरेज हाइड्रो पावर बिजली

राजस्थान रिनुएबल एनर्जी कारपोरेशन ने स्टडी और सर्वे कार्य शुरू कियारावतभाटा की तकदीर बदलेगी यह तकनीक

कोटाJan 29, 2023 / 12:13 am

Narendra

राणा प्रताप सागर में बनाएंगे पम्प स्टोरेज हाइड्रो पावर बिजली

राणा प्रताप सागर में बनाएंगे पम्प स्टोरेज हाइड्रो पावर बिजली

रावतभाटा. राणा प्रताप सागर बांध के पानी से बिजली बनाने के लिए पम्प स्टोरेज हाइड्रो पावर को लेकर स्टडी और सर्वे कार्य शुरू हो गया है। राजस्थान रिनुएबल एनर्जी कारपोरेशन ने शुरुआती उपायों पर काम करना शुरू कर दिया है। इस तकनीक से बिजली बनने पर राजस्थान देश के चुनिंदा राज्यों में शामिल हो जाएगा। फिलहाल दक्षिण के कुछ राज्यों में पम्प स्टोरेज हाइड्रो पावर तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। अभी राजस्थान में राणा प्रताप सागर डेम और माही बजाज सागर डेम पर हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट्स हैं, लेकिन मानसून में जब डेम ओवर फ्लो हो जाते हैं, तब ही इनसे बिजली बनाई जाती है। इस वजह से अभी नाम मात्र की हाइड्रो एनर्जी जनरेट हो रही है।
ऐसे बनेगी पानी से बिजली
पानी से बिजली बनाने के लिए पम्प स्टोरेज हाइड्रो पावर तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। इस तकनीक में बांध के ऊपर वाली जगह पर वाटर स्टोरेज बना दिया जाता है। इस स्टोरेज और बांध के बीच टरबाइन होते है, ज़ब पानी ऊपर से बांध की और वापस छोड़ा जाता है तो इन टरबाइन के जरिए हाइड्रॉलिक पावर जनरेट हो जाती है यानी बिजली पैदा हो जाती है।
तकनीक अपनाने वाला पहला राज्य बन सकता है राजस्थान
आरआरईसी के एमडी अनिल ढाका के अनुसार आने वाला समय पीएसएच तकनीक के प्लांट्स और बैटरी स्टोरेज का होगा। पावर स्टोरेज का कॉन्सेप्ट है कि जब सोलर या विंड या हाइड्रो (पानी) से उत्पादन नहीं हो, तो उस समय भी बिजली बनाई जा सके। राजस्थान भी पीएसएच की दिशा में आगे बढ़ रहा है, लेकिन जब तक प्लांट स्थापित नहीं हो जाता, तब तक यह कहना मुश्किल है कि राजस्थान ही ऐसा प्लांट लगाने वाला पहला राज्य होगा।
राजस्थान इन राज्यों के साथ मिलाएगा कंधा
राजस्थान में अब ऐसी संभावनाएं खोजी जा रही है, जहां बांधों में 12 महीने पानी रहता है, लेकिन बिजली नहीं बन पाती। राज्य सरकार का मानना है कि पंप स्टोरेज हाइड्रोपावर (पीएसएच) एक ऐसा उपाय है, जो राजस्थान में संभव है। आंध्र प्रदेश, कर्नाटक व महाराष्ट्र में इस उपाय पर काम शुरू हो चुका है, जो सफल है। इन दोनों राज्यों में स्थित चार-पांच बांधों पर पीएसएच तकनीक से बिजली बनाई जा रही है। तेलंगाना, उड़ीसा और छत्तीसगढ़ में भी कम्पनियां पंप स्टोरेज हाइड्रोपावर प्लांट लगाने की इच्छुक हैं। ये राज्य इस तकनीक से बिजली बनाने के लिए गम्भीरता से विचार कर रहे हैं।
राजस्थान रिनुएबल एनर्जी कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक अनिकल ढाका ने बताया कि राजस्थान पम्प स्टोरेज हाइड्रो पावर तकनीक का सहारा ले रहा है। राज्य सरकार ग्रीन एनर्जी के लिए इस तकनीक को अपनाना चाह रही है। यह तकनीक बीसलपुर, बांसवाड़ा और रावतभाटा का भाग्य बदलेगी और यह बड़े बिजली उत्पादक बनेंगे।

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