शुक्रवार रात को तीन नकाबपोश युवक भौरा रेलवे स्टेशन पर आए थे। उनके हाथ में पेट्रोल की पीपी थी। आते ही उन्होंने दो पाइंट्समेन से मारपीट की और स्टेशन मास्टर के कक्ष में पेट्रोल छिड़ककर आग लगा दी थी। इस मामले में स्टेशन मास्टर मुकेश मीणा की रिपोर्ट पर जीआरपी ने अज्ञात जनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर अनुसंधान किया। अनुसंधान में तीनों आरोपित राम रहीम के ही समर्थक निकले।
ग्रामीण पुलिस अधीक्षक डॉ. राजीव पचार ने शनिवार शाम को बताया कि आगजनी की घटना होते ही स्थानीय पुलिस, जीआरपी व आरपीएफ समेत सभी अधिकारी मौके पर पहुंचे थे। घटना में गुरमीत राम रहीम समर्थकों का हाथ होने की संभावना को देखते हुए उनकी तलाश की गई। पुलिस की सभी टीमों ने संयुक्त रूप से पूरी रात आरोपितों की तलाश की।
घटना स्थल पर आस-पास के ही लोगों के पहुंचने की संभावना व आरोपितों के बोलेरो गाड़ी से आने की जानकारी मिलने पर जब लोगों के बारे में पता किया तो एक मकान में बोलेरो मिली। जिसमें पेट्रोल की दुर्गंध आ रही थी। इस पर उनकी तलाश की तो पता चला किवे गाड़ी छोड़कर बाइक से निकले हैं।
इस पर उन्हें तलाश कर शनिवार सुबह नयापुरा क्षेत्र से पकड़ा। वे यहां से भागने की फिराक में थे। पूछताछ में तीनों ने बताया कि भौरा स्टेशन पर पहुंचने के बाद इन्होंने गाड़ी पार्किंग में खड़ी की। इसके बाद अंदर घुसे। यहां सुरेन्द्र व सुखदेव ने दोनों रेल कर्मचारियों को काबू किया और गुरप्रीत सिंह ने स्टेशन मास्टर के कमरे में पेट्रोल छिड़ककर आग लगाई।
इन्हें किया गिरफ्तार एसपी ने बताया कि सीमलिया थाना क्षेत्र के प्रेमपुरा निवासी गुरप्रीत सिंह(34) मुख्य आरोपित है। जबकि इसके साथ ही दो अन्य रिश्तेदार रूग्गी निवासी सुरेन्द्र सिंह(42) व सुखदेव सिंह(29) को भी गिरफ्तार किया है। तीनों के परिवार करीब 20 साल से डेरा से जुड़े हैं। गुरप्रीत का पुत्र तो सिरसा में ही रहकर पढ़ाई भी कर रहा है।
पुलिस ने अनुसार सुरेन्द्र सिंह पूर्व उपसरपंच है। तीनों को गिरफ्तार कर जीआरपी के सुपुर्द किया गया है। आगामी अनुसंधान वे करेंगे।
समाचार सुनने के बाद रची साजिश एसपी ने बताया कि शाम 4 बजे तक तीनों आरोपित बूंदी रोड स्थित आश्रम में ही थे। यहां टीवी पर समाचार सुना। जिसमें बाबा को दोषी करार दिया गया। इसके बाद ये आक्रोषित हुए। इन्होंने वारदात को अंजाम देने की साजिश रची। बोलेरो से रवाना हुए। पेट्रोल पम्प से पीपी में पेट्रोल लिया और मोबाइल बंद कर दिए। इसके बाद दीगोद व सुल्तानपुर रेलवे स्टेशनं की भी रैकी की। लेकिन मौका नहीं मिला। इसके बाद भौरां रेलवे स्टेशन को चुना जहां लोगों की आवक भी कम होती है और पकड़े जाने का अंदेशा भी कम था। लेकिन वारदात के बाद भागते समय उन्होंने चेहरों से नकाब हटा दिए थे।
ये रहे टीम में शामिल एसपी ने बताया कि आरोपितों को पकड़ने के लिए गठित टीम में उप अधीक्षक महेन्द्र सिंह भाटी, जीआरपी उप अधीक्षक रोहिताश्व कुमार शर्मा, जीआरपी सीआई गंगासहाय शर्मा,सुल्तानपुर सीआई देवेश भारद्वाज, बूढ़ादीत थानाधिकारी रामलक्ष्मण, थानाधिकारी सीमलिया बनवारी लाल भारद्राज समेत कई पुलिस कर्मी शामिल थे।