दशहरा मेला कोटा की शान है और किसी भी लापरवाही से इस पर आंच ना आए इसीलिए राजस्थान पत्रिका हर पांचवें दिन मेले के निर्माण कार्य का ऑडिट कर जनता के सामने सच रख रहा है। 31 अगस्त को पत्रिका ने दशहरा मैदान की तैयारियों का पहला ऑडिट किया था जिसमें हालात इस कदर खराब मिले कि सड़कें तक खुदी पड़ी थी। कोई भी विकास कार्य 25-30 फीसदी से ज्यादा आगे नहीं बढ़ सका था। 4 सितंबर को किए दूसरे ऑडिट के दौरान काम में तेजी तो दिखी, लेकिन जिस रफ्तार से काम हो रहा था उससे हिसाब से मंजिल खासी दूर नजर आई। पहले ऑडिट के बाद निगम ने कार्यों में तेजी दिखाई, लेकिन अभी तक सभी प्रस्तावित आंतरिक रास्ते तैयार नहीं हुए। विजयश्री रंगमंच के पास पुलतों के दहन के लिए प्लेटफॉर्म तैयार नहीं हुआ। सोमवार को यहां खुदाई कार्य चल रहा था। अभी तक 50 फीसदी काम भी पूरे नहीं हो सके हैं। जबकि नगर निगम 90 फीसदी काम पूरे होने का दावा कर रहा है। अब तीसरा ऑडिट 9 सितंबर को किया जाएगा।
नियमित कर रहे समीक्षा अभी मैदान में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के विकास कार्य चलने के कारण मेले के लिए अस्थाई तौर पर सुविधाएं जुटाने की मशक्कत चल रही है। महापौर महेश विजय और आयुक्त
नवीन जिंदल नियमित समीक्षा कर रहे हैं। सोमवार को भी दोनों ने मैदान का निरीक्षण किया। उन्होंने मेले से 15 दिन पहले तैयारियां पूरी करने का दावा किया।जबकि अब भी मेला मैदान समतल करने, रोड नेटवर्क, विद्युत व्यवस्था और पेयजल आपूर्ति व्यवस्था करने का काम बाकी बचा है।
दूसरे ऑडिट में भी खुली दावों की पोल महापौर और आयुक्त के दावों की पोल दूसरे ऑडिट में भी खुलकर सामने आ गई। मेला मैदान में आवागमन के लिए निगम भवन के सामने वाले भाग में गिट्टी की दो सड़कें बनाई हैं। आंतरिक रास्तों का करीब 35 प्रतिशत कार्य हुआ। वहीं बिजली के खंभे तो गाढ़ दिए गए हैं, लेकिन तार खींचना बाकी है। करीब 65 प्रतिशत कार्य हुआ। वहीं पानी की पाइप लाइन डालने का काम अभी तक आधा ही हो सका है। पुतला दहन के लिए अस्थाई विजयश्री रंगमंच का प्लेटफार्म तक तैयार नहीं हो सका है। जबकि अस्थाई श्रीराम रंगमंच का अभी तक ढांचा ही तैयार किया जा सका है।