चिकित्सक हड़ताल: जिन्हे पुलिस ने ढूंढा चप्पे-चप्पे वो नदारद हो जा पहुंचे भोले के दरवज्जे
मरीज लाने ले जाने के सौ रुपए?सूत्रों ने बताया कि अस्पताल प्रशासन ने स्ट्रेचरमैन को वार्ड बॉय का दायित्व भी दे रखा है। उन्हें वार्डों में लगा रखा है। इस कारण स्ट्रेचरमैन दिखाई नहीं देते हैं। कई तीमारदारों का आरोप था कि स्ट्रेचरमैन परिजनों से पैसा वसूलते हैं। वे मरीजों को लेकर जाने पर सौ रुपए तक ले रहे हैं।
अस्पताल परिसर में कुछ अवैध एम्बुलेंस चलने का मामला भी सामने आया है। आधा दर्जन ऐसी एम्बुलेस चल रही है। अस्पताल प्रशासन ने भी पुलिस को ऐसी एम्बुलेसों की सूची सौंप दी है। अस्पताल अधीक्षक का कहना है कि पुलिस की मदद से उन्हें हटाया जाएगा।
कोटा की बहु-साढ़े चार साल के बच्चे की मां बनी मिसेज इंडिया फोटोजेनिक, 400 प्रतिभागियों को पीछे छोड़ा
कबाड़ में पड़े हैं तीन दर्जनअस्पताल में करीब तीन दर्जन स्ट्रेचर अरसे से कबाड़ में पड़े हैं। अस्पताल प्रशासन इन्हें दुरुस्त नहीं करा रहा है। तीमारदारों का कहना है कि इन स्ट्रेचर्स को दुरुस्त करा दिया जाए तो बड़ी राहत मिल सकती है।
न्यू मेडिकल कॉलेज अस्पताल अधीक्षक देवेन्द्र विजयवर्गीय का कहना है कि अस्पताल में 10 स्ट्रेचर ठीक हैं। इमरजेंसी भी पांच पड़े हैं। इससे मरीजों को परेशानी नहीं होगी। स्ट्रेचरमैन गेट पर खड़े नहीं होते हैं तो इन्हें पाबंद करेंगे, गलत काम नहीं करने के लिए पाबंद किया जाएगा।