scriptजल्द ही राजस्थान के किसानों को घर बैठे मिलेगी खास व्यवस्था, जान पाएंगे कि खेत में कितना उत्पादन होगा, कौन-सा रोग लगा है | Kota News A Technology will tell how much production will be done in the field and which disease is affected. | Patrika News
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जल्द ही राजस्थान के किसानों को घर बैठे मिलेगी खास व्यवस्था, जान पाएंगे कि खेत में कितना उत्पादन होगा, कौन-सा रोग लगा है

Kota News: राज्य सरकार की ओर से प्रदेश के चुनिंदा ब्लॉक के किसानों को एआई तकनीक से जोड़ने के लिए पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने की तैयारी कर ली गई है।

कोटाNov 15, 2024 / 09:49 am

Supriya Rani

Kota News: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक (एआई) प्रदेश में अन्नदाताओं के लिए किसान मित्र के रूप में काम करेगी। किसानों को एआई तकनीक बताएगी कि वे कैसे उन्नत खेती कर सकते हैं, खेती में क्या-क्या नवाचार कर सकते हैं। खेत में कितना उत्पादन होगा, यह जानकारी भी एआई बताएगा। एआई किसानों को तकनीकी मार्गदर्शन देगा। राज्य सरकार की ओर से प्रदेश के चुनिंदा ब्लॉक के किसानों को एआई तकनीक से जोड़ने के लिए पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने की तैयारी कर ली गई है।
आज के दौर में लोगों की सहयोगी बन रही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) तकनीक अब किसानों के लिए भी मददगार साबित होने वाली है। जल्द ही राजस्थान के किसान एआई तकनीक के माध्यम से न केवल फसलों के लिए उपयुक्त मौसम बल्कि जल प्रबंधन व पोषक तत्वों समेत खेती-किसानी से जुड़ी कई महत्वपूर्ण जानकारी घर बैठे मोबाइल से ले सकेंगे।
राज्य सरकार ‘एआई तकनीक समाधान’ नाम से पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने जा रही है। इसमें प्रदेश के 18 ब्लॉक के 7 हजार किसानों को जोड़ा जाएगा। संभवतया इसी साल चयनित ब्लॉक में एआई समाधान तकनीक से काम शुरू हो जाएगा। पायलट प्रोजेक्ट के तहत चयनित ब्लॉक में सफलता के बाद इसे पूरे प्रदेशभर में लागू किया जाएगा और सभी किसानों को जोड़ा जाएगा।

नामी कम्पनियों के विशेषज्ञों की मदद लेंगे

किसानों को एआई तकनीक से जोड़ने के लिए सरकार एआई विशेषज्ञों से जुड़ी कंपनियों की मदद लेगी। सरकार की ओर से इसकी टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। कंपनी द्वारा जीपीएस तकनीक से किसानों को जोड़ा जाएगा। एक साल तक कंपनी व फर्मो से जुड़े एआई कृषि विशेषज्ञ चयनित किसानों को जानकारी देंगे। इसमें सबसे ज्यादा मदद किसानों को किस फसल में कितना और कब पानी देना है, इस बारे में मिलेगी। कंपनी को भुगतान एक साल बाद किया जाएगा।

स्मार्ट मोबाइल वाले किसानों को जोड़ेंगे

योजना में स्मार्ट फोन का उपयोग करने वाले किसानों को जोड़ा जाएगा। किसानों को सरकार की ओर से चयनित कंपनी द्वारा विभिन्न मोबाइल एप एवं सॉफ्टवेयर के माध्यम से जोड़ा जाएगा। समय-समय पर मौसम, जल प्रबंधन, पानी की मांग, फसलों में पोषक तत्वों समेत महत्वपूर्ण जानकारियां मुहैया करवाई जाएगी।

पायलट प्रोजक्ट में यह शामिल

एआई तकनीकी समाधान में झालावाड़ जिले के खानपुर ब्लॉक की 35 पंचायतों के 500 तथा सांगोद, अटरू व बारां के ढाई-ढाई सौ किसानों को जोड़ा जाएगा। इसके साथ ही प्रदेश के पीसांगन, कोटपूतली, दौसा, आमेर, गोविंदगढ़, राजगढ़, धौलपुर, सेपऊ, हिंडौन, खंडार, सवाईमाधोपुर, शाहपुरा, चित्तौडगढ़, राजसमंद, खेतड़ी, नीम का थाना, हनुमानगढ़, जैसलमेर ब्लॉक को भी शामिल किया गया है।
प्रदेश में एआई तकनीक के पायलट प्रोजेक्ट में सांगोद ब्लॉक को भी शामिल किया गया है। सरकार से निर्देश आ चुके हैं। इस प्रोजेक्ट के पहले चरण में एक एप बनाया गया था और चारों कृषि विश्वविद्यालयों के एक्सपर्ट को जोड़ा गया था, किसान अपने खेत में फसल का फोटो एप पर डालते ही एआई बता देता है कि फसल में कौनसा रोग लगा हुआ है, कौनसी दवा का इस्तेमाल किया जाना है। कितना उत्पादन होगा, इसकी भी जानकारी दी जाती है। – डॉ. नरेश कुमार शर्मा, कृषि अनुसंधान अधिकारी, कोटा कृषि विस्तार

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