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कोटा दशहरा मेले में चले चाकू, पार्किंग संचालक की हत्यारविवार रात करीब 10.30 बजे तीन बाइक पर 6-7 जने आए। स्टैंड के बाहर ही बाइक खड़ी कर रहे थे। उनसे उसने स्टैंड पर बाइक खड़ी करने को कहा तो धमका कर चले गए। कुछ देर बाद वापस 15-20 जने हाथों में चाकू लिए आए। आते ही उनके कर्मचारियों पर हमला कर मारपीट शुरू कर दी। जैसे ही वे उन युवकों को पकडऩे दौड़े तो उन्होंने पिता मुकुट बिहारी पर पीछे से हमला कर दिया, चाकू जांघ में लगने से वे वहींं गिर गए। बड़ा भाई विष्णु उन्हें पहले दादाबाड़ी और बाद में तलवंडी स्थित निजी अस्पताल गया लेकिन डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
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घटना की जानकारी मिलते ही सिने संध्या में मौजूद एसपी अंशुमान भौमिया, एएसपी अनंत कुमार, उप अधीक्षक बने सिंह व किशोरपुरा सीआई घनश्याम मीणा व दादाबाड़ी सीआई रामकिशन समेत कई पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे थे।
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पैर की नस कटी उप अधीक्षक बनेसिंह मीणा ने बताया कि जांघ पर चाकू से मुकुट बिहारी के पैर की नस कट गई। अधिक खून बहने पर मौत हुई। रात भर पुलिस टीमों ने दबिश दी। पुलिस ने मृतक के पुत्र मनीष की रिपोर्ट पर कई नामजद आरोपितों को गिरफ्तार किया है।
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शुरुआत से विवादों में रहा स्टैंड ठेका दशहरा मेले में वाहन सटैंड का ठेका शुरुआत से ही विवादों में रहा। मेला शुरु होने के बाद तक निगम की ओर से ठेका नहीं दिया गया। इसके बाद जिसे ठेका दिया वह बीच में छोड़ गया। छह दिन पहले ही मुकुट बिहारी ने ठेका लिया तो उसकी हत्या हो गई।
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तीन साल से अंतिम दिनों में विवाद दशहरा मेले में तीन साल से अंतिम दिनों में ही विवाद हो रहे हैं। दो साल पहले कव्वाली के दौरान विवाद होने पर पथराव व लाठीचार्ज हुआ था। गत वर्ष सिने संध्या के दिन ही किशोरपुरा थाने के तत्कालीन सीआई देरावर सिंह के घर चोरी हो गई थी। इस बार सिने संध्या के दिन ही स्डैंड संचालक की हत्या हो गई।पत्रिका की खबर के बाद ऐसा क्या हुआ कि…चिकित्सा विभाग में मच गया हड़कम्प
अव्यवस्थाओं की भेंट चढ़ी जिन्दगी? हत्या की वारदात पर पुलिस अधिकारी निगम की अव्यवस्थाओं को भी जिम्मेदार मान रहे हैं। खुद अधिकारी मान रहे कि मेले में निर्माण कार्य के चलते व्यवस्था नहीं बन पाई है। धूल उड़ रही, जगह-जगह पर पत्थर पड़े हुए हैं, ऐसे में कहीं हादसा न हो जाए इस एहतियात में पुलिसकर्मी लगे हुए हैं। पुलिस को इंतजाम करने पड़ रहे। साइकिल स्टैंड ठेके के मसले को भी निगम सही ढंग से हैंडल नहीं कर पाई। यहां व्यवस्थाएं भी नहीं हो पाई। अव्यवस्थाओं और खामी भरे प्रबन्धों के चलते आरोपित वारदात को अंजाम दे गए।