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Good News: कोटा रेलवे मंडल ने डवलप किया ऐसा सिस्टम कि अब पूरा देश अपनाएगा

कोटा रेल मंडल में रेलवे ट्रेक पर कार्य करने वाले कीमैन, गैंग यूनिट और पेट्रोलमैन की निगरानी जीपीएस सिस्टम से की जा रही है।

कोटाApr 20, 2018 / 11:43 am

​Zuber Khan

kota junction
कोटा। कोटा रेल मंडल में रेलवे ट्रेक पर कार्य करने वाले कीमैन, गैंग यूनिट और पेट्रोलमैन की निगरानी जीपीएस सिस्टम से की जा रही है। पुश ट्रॉली निरीक्षण और रेल पटरी के अन्य महत्वपूर्ण निरीक्षणों की रिपोर्ट भी जीपीएस सिस्टम से बन रही है। वरिष्ठ मंडल इंजीनियर समन्वय मनीष गुप्ता के नेतृत्व में कोटा की टीम ने यह सिस्टम विकसित किया।
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कोटा में सफल होने के बाद इसे पूरे देश में लागू किया गया। इस कार्य के लिए मंत्रालय ने मनीष गुप्ता को रेल मंत्री पुरस्कार से नवाजा है। अब इस सफलता के बाद टिकट चैङ्क्षकग स्टाफ, लोको निरीक्षक, खानपान निरीक्षक, आरपीएफ का दस्ता की निगरानी के लिए भी यह सिस्टम विकसित करने की जिम्मेदारी इनकी टीम को सौंपी गई है। यह सिस्टम विकसित होने होने के बाद फील्ड कार्य करने वालों की डेली रिपोर्ट जीपीएस सिस्टम से बन जाएगी। इससे चैकिंग दस्ते से जुड़े रेलकर्मी ड्यूटी से गायब नहीं हो सकेंगे। इस तरह ड्यूटी के दौरान की जाने वाली लापरवाही पकड़ में आ जाएगी।
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कीमैन, गैंग यूनिट और पेट्रोलमैन की निगरानी जीपीएस सिस्टम से करने से हादसे जनित करणों का समय रहते पता चलना ज्यादा आसान हो गया। वहीं किसी भी कार्मिक की गलती पर सुधार के लिए तत्काल संदेश पहुंच जाता है। इससे सेफ्टी मजबूत हुई है। पूरे मंडल में करीब 650 कार्मिकों को जीपीएस उपकरण उपलब्ध कराए गए। इससे पिछली सर्दियों में टे्रन के गुजरने से पहले 38 रेल फ्रेक्चर सफलतापूर्वक पकड़े गए। वहीं ट्रेक पर कार्यरत कार्मिकों को 15 मिनट लेट होते ही उसकी सूचना ऑलाइन मिल जाती है।
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अब टे्रक के रखवालों की समस्या को मिलेगा समाधान

जीपीएस सिस्टम से ऑनलाइन निगरानी की व्यवस्था विकसित करने के लिए बाद वरिष्ठ मंडल इंजीनियर मनीष गुप्ता ने रेलवे सुरक्षा बल की तर्ज पर अब ट्रेक का रख रखाव करने वाले टे्रक मेंटेनर, ट्रॉलीमैन और पेट्रोलिंग करने वाले डी ग्रेड कर्मचारियों के लिए विभिन्न स्टेशनों पर बैरक का निर्माण की योजना बनाई है। जिन स्टेशनों पर आवास नहीं हैं, ऐसे स्टेशनों का चयन बैरक निर्माण के लिए किया गया है। यहां बनने वाली बैरक में स्नानगार, रसोई, मनोरंजन और कॉमन रूप की सुविधा दी जाएगी। इससे गैंगमैन वर्ग के कार्मिकों को खाने और रहने की समस्या का समाधान हो सकेगा। कोटा मंडल में इंजीनियरिंग विभाग में करीब 5 हजार ट्रेक मेंटेनर विभिन्न स्टेशनों पर कार्य करते हैं।
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रेलवे मजदूर संघ के मंडल सचिव एस.डी धाकड़ ने बताया कि कुछ बड़े स्टेशनों को छोड़कर ज्यादातर रेलवे आवास रिमोट एरिया में होने के कारण एवं उनकी मरम्मत सही समय पर नहीं हो पाने के कारण रेलवे कर्मचारियों को जर्जर रेलवे आवास आवंटित कर वेतन से मकान किराया काट लिया जाता है। रेलवे में कोटा मंडल में पहली बार 12 स्टेशनों को चयनित करके अकेले रह रहे टे्रक मेंटेनर कार्मिकों को आवासीय सुविधा बैरक के रूप में दी जाएगी।
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कोटा-नागदा खण्ड में तलावली, नाथूखेड़ी, सुवासरा एवं कंवलपुरा, कोटा बारां खण्ड में कल्याणपुरा सुन्दलक कोटा-चित्तौड़ पारसोली कॉपरेन एवं इन्द्रगढ़ स्टेशनों पर 8 व्यक्तियों के रहने के लिए बैरक बनेगी। प्रति बैरक 18 लाख रुपए खर्च होंगे। इसी प्रकार गरोठ भूलोन एवं धरनवादा स्टेशनों पर प्रस्तावित बैरकों की क्षमता 12 कर्मचारियों के लिए प्रस्तावित की गई है। जिनकी लागत लगभग 22 लाख रुपए आएगी।
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मंडल में मना जश्न
कोटा रेल मंडल में हुए इस नवाचार के बाद रेलवे बोर्ड में इसकी सराहना हुई। जब वरिष्ठ मंडल इंजीनियर समन्वय मनीष गुप्ता रेल मंत्री अवार्ड लेकर को कोटा पहुंचे तो रेल•ॢमयों ने जश्न मनाया। यहां उनका पहुंचने पर रेलकर्मियों ने स्वागत किया। जल्द सुबह रेलकर्मी उनके बंगले पर पहुंचे और रैली के रूप में दफ्तर लेकर आए। इस दौरान मंडल इंजीनियर रामेन्द्र पाण्डेय और इदरीश खान, सीनियर सेक्शन इंजीनियर दिनेश मीना, एस.के. गुप्ता, अमृतकौर, नरेश श्रीवास्तव सहित कई अधिकारी-कर्मचारी मौजूद रहे।

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