जानलेवा कारखानों के बीच चल रहें हॉस्टल्स, कैसे सुरक्षित रहेंगे विद्यार्थी
शुरूअात अस्थाई व्यवस्थाओं से की दशहरा मेले के लिए वैकल्पिक स्थान नहीं मिलने के बाद अब दशहरा मैदान में ही भागदौड़ कर मेले की व्यवस्थाएं की जा रही हैं। अस्थाई विद्युत व्यवस्था के लिए बिजली के खंभे लगाए गए हैं, वहीं अस्थाई तौर पर पानी की पाइप लाइन डाली जा रही है। मैदान में जिस क्षेत्र में मेला भरेगा, वहां निर्माण कार्य रोक दिया है।हादसों के धरातल पर संभलकर खडा़ हुआ हैंगिंग ब्रिज
हटाया जा रहा मलबा मलबा और अन्य निर्माण सामग्री हटाने का कार्य चल रहा है। मेले के लिए 10 सितम्बर तक मैदान तैयार करना होगा। इसलिए 7 जेसीबी, 20 टै्रक्टर, 2 डम्पर, 4 चेन मशीन सहित करीब 40 मशीनों को मैदान को समतल करने में लगाया गया है। दशहरा मैदान को प्रगति मैदान की तर्ज पर विकसित करने के लिए स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में शामिल किया गया है। यह कार्य तीन चरणों में होगा। पहले चरण में 77.55 करोड़ की लागत से दशहरा मैदान के मुख्य भाग का विकास और चारदीवारी शामिल है। इसे पूरा करने की तिथि 15 अप्रेल 2018 है।राष्ट्र को आज समर्पित किया जाएगा
कोटा हैंगिंग ब्रिज अधूरे रह जाएगें ये काम जब निर्माण शुरू हुआ, तब तय हुआ था कि मेले के समय करीब एक माह तक कार्य बंद रहेगा। श्रीराम रंगमंच का पुनर्निर्माण कर छत डाल दी गई है, लेकिन बचा कार्य मेले के बाद किया जाएगा। अभी मिट्टी डालकर मैदान को समतल किया रहा है। इस तरह विजयश्री रंगमंच पर भी केवल आरसीसी का कार्य हो पाया है। विजयश्री रंगमंच के सामने रावण दहन देखने के लिए बनाए जा रहे वीआईपी चौपाल का कार्य अधूरा है। यहां 800 लाइटें भी लगाई जानी हैं। दहशरा मैदान में फूडकोर्ट का प्लेटफार्म तैयार हो गया है, लेकिन छत का कार्य बाकी है, अब इसे मेले के बाद पूरा किया जाएगा। प्रदर्शनी स्थल तैयार है, लेकिन शेड नहीं बन पाया। चारदीवारी का कार्य भी 50 प्रतिशत पूरा हुआ है।देखिए उस दर्दनाक कल की तस्वीरें, जब कोटा बोला था गिर गया हैंगिंग ब्रिज
शुरू नहीं हो पाए ये काम किशोरपुरा रोड की चौड़ाई 20 फीट से 60 फीट करने का कार्य।शक्ति नगर रोड को 40 से 60 फीट करने का कार्य। दशहरा मैदान की आंतरिक सड़कों का निर्माण नहीं, अब मिट्टी के रास्ते तैयार किए जा रहे हैं।
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जिम्मेदारों की राय महापौर महेश विजय ने कहा कि दशहरा मैदान में मेले के लिए व्यवस्थाएं बेहतर करने का हरसंभव प्रयास किया जा रहा है। निर्माण कार्य बंद कर मेले के अनुकूल इंतजाम किए जा रहे हैं। सामूहिक प्रयासों से हर साल की तरह इस बार भी मेला भरेगा।नगर निगम नेता प्रतिपक्ष अनिल सुवालका ने कहा कि दशहरा मेले का एेतिहासिक स्वरूप बिगाड़ दिया है। मेला कैसे भरेगा, इसको लेकर भी अभी तो संशय ही है।