संभावनाएं अपार कोटा के अलग-अलग उद्योग क्षेत्रों से निकलने वाले दूषित जल के नमूने एकत्रित कर उनके अपघटन की प्रक्रिया का भी अध्ययन किया जाएगा। इसमें खास बात यह है कि अक्सर इसको तैयार करने के लिए तापमान, प्रेशर, कैमिकल का प्रयोग किया जाता है, लेकिन इसमें कोई िस्थति नहीं रखी गई। इन संश्लेषित नेनोपार्टिकल की पुष्टि एमएनआईटी जयपुर, एसएआईएफ चंडीगढ़ ने की। इस विधि से संश्लेषित नेनोपार्टिकल के उपयोग की संभावनाएं हर क्षेत्र में होगी।
पेटेंट का प्रकाशन द्विधात्विक नेनोपार्टिकल का हरित संश्लेषण का हाल ही में भारत सरकार के पेटेंट ऑफिस ने प्रकाशन किया है। यह शोध कार्य महाविद्यालय में विज्ञान व प्रौद्योगिकी विभाग नई दिल्ली से स्वीकृत शोध प्रयोगशाला में किया है। कॉलेज प्राचार्य डॉ. अजय विक्रम सिंह चंदेल ने प्रोफेसर विजय देवड़ा एवं उनकी टीम सहायक आचार्य निमिष कुमार, सहायक आचार्य प्रीती बैरवा, अंजली सिंह को बधाई दी, जिनके निर्देश पर यह शोध कार्य हुआ है। रसायन शास्त्र विभागाध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. रेखा कालानी ने बताया कि ये रसायन शास्त्र विभाग के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है।