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जांच दल मुखिया और बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष हरीश गुरुबक्शानी ने बताया कि बच्चों से संबंधित काम करने वाली संस्थाओं की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिए हैं। उसी आदेश की पालना में सरकार ने जांच दल गठित किया। दल में उनके अलावा बाल अधिकारिता विभाग की उप निदेशक श्रद्धा गौतम व समिति सदस्य शुभा गुप्ता भी शामिल हैं। सोमवार को रायपुरा स्थित संस्थान और दूसरे दिन डडवाड़ा व रायपुरा में जांच की गई। संस्थान से वहां रहने वाले अनाथ बच्चों व संबंधित दस्तावेज दिखाने को कहा लेकिन कोई दस्तावेज नहीं दिखाया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि संस्थान जांच में सहयोग नहीं कर रहा।
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विवाद पर जाप्ता तैनात
गुरुबक्शानी ने आरोप लगाया कि जांच के दौरान संस्थान से जुड़े लोगों ने विवाद किया। पुलिस जाप्ता तैनात कराना पड़ा। उप अधीक्षक शिव भगवान गोदारा, सीआई समेत कई जाप्ता तैनात रहा।
इमानुएल मिशन संस्थान की प्रबंधक उपमा तलवार ने बताया कि बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष हरीश गुरुबक्शानी अपने कुछ साथियों के साथ सोमवार को जबरन संस्थान में आए और जांच के नाम पर रिकॉर्ड खुर्द-बुर्द करने लगे। संस्थान के कर्मचारियों को बाहर निकाल दिया। उन्हें अंदर नहीं घुसने दिया। जबकि उनके पास इस तरह के कोई आदेश नहीं है। वे द्वेषतापूर्ण कार्यवाही कर रहे हैं। संस्थान के प्रभारी अधिकारी संजय कुमार दुबे के नेतृत्व में आईजी, एसपी व कलक्टर को ज्ञापन दिए गए।
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दफ्तर सीज किया
अध्यक्ष जांच दल हरीश गुरूबक्शानी का कहना है कि संस्थान में गलत तरीके से बच्चों को रखने समेत कई अनियमिताएं मिली हैं। डडवाड़ा स्थित संस्थान कार्यालय को शाम को सीज कर दिया गया है। वहां ताला लगाकर नोटिस चस्पा किया है। बुधवार को फिर जांच करेंगे।
सिटी एसपी अंशुमान भौमिया का कहना है कि इमानुएल संस्थान के लोग मिलेे। शिकायत दी है, जांच की जाएगी। विवाद न हो इसलिए जाप्ता तैनात था। दोनों पक्षों की सहमति से रातभर के लिए कार्यालय पर ताला लगाया।