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कोटा

राजस्थानी फिल्मों की अपार संभावनाएं, लेकिन साधन नहीं हैं

कलाकार सुरेन्द्र पाल का कहना है कि राजस्थानी फिल्मों की प्रदेश में अपार संभावनाएं हैं। हमारी संस्कृति समृद्ध है, जुड़ाव और इतिहास भी। 

कोटाAug 17, 2017 / 01:52 pm

Deepak Sharma

rajasthani flim

राजस्थानी फिल्म ‘नानी बाई रो मायरो’ के प्रमोशन के लिए पहुंचे मशहूर चरित्र अभिनेता सुरेन्द्र पाल

कोटा. राजस्थानी फिल्मों की प्रदेश में अपार संभावनाएं हैं। हमारी संस्कृति समृद्ध है, जुड़ाव भी और इतिहास भी। बस साधनों की कमी में हम मात खा रहे। मैं पाली मारवाड़ से हूं। चाहता हूं राजस्थानी संस्कृति को बढ़ावा मिले, इसलिए ‘नानी बाई रो मायरो’ को चुना। फिल्म को लेकर हम सकारात्मक हैं। यह कहना है बुधवार को कोटा में सिद्धि विनायक प्रोडक्शन के बैनर तले नई राजस्थानी फिल्म ‘नानी बाई रो मायरो’ के प्रमोशन के लिए पहुंचे मशहूर चरित्र अभिनेता सुरेन्द्र पाल का। उनके साथ अभिनेत्री विजय लक्ष्मी भी पहुंची। उन्होंने कहा कि इस फिल्म के लिए उन्होंने सिर्फ एक रुपया लिया। संस्कृति को बढ़ाने में सब का योगदान रहना चाहिए। पेश है बातचीत के कुछ अंश।


‘नानी बाई रो मायरो’ सिनेमाघरों में लोगों को कैसे खींचेगी।
फिल्म राजस्थानी पृष्ठभूमि पर है। मैं सांरगधर का रोल निभा रहा जो संत नरसजी का कट्टर विरोधी है। दमदार डायलॉग है ‘सारंग गिरधर नाम है मारो, जहां भी जाऊं अशांति कर दूं, सारंग गिरधर नाम है मारोÓ….हमें भरोसा है यह डायलॉग दर्शकों को खींचेगा। href="https://www.patrika.com/topic/kota/" target="_blank" rel="noopener">कोटा की लोकेशन भी फिल्म में है।

अब राजस्थानी फिल्मों का ज्यादा क्रेज नहीं 
राजस्थान में साहित्य व संस्कृति सब कुछ अच्छा है, फिल्म के लिए अपार संभावनाएं हैं, लेकिन साधन उपलब्ध नहीं होने के कारण फिल्में हिट नहीं हो पाती हैं। फिर भी हम पॉजिटिव हैं।

हिन्दी फिल्में भी हिट क्यों नहीं हो रही 
हिन्दी फिल्मों में वेस्टर्न कल्चर ज्यादा दिख रहा, हॉलीबुड की नकल हो रही, यही कारण है। बाहुबली हिट हुई क्योंकि वह एेतिहासिक तथ्यों पर आधारित है।


राजस्थानी फिल्म का चुनाव क्यों 
राजस्थानी फिल्में अब बन नहीं रही, लोगों का रुझान कम हो गया, मैं पाली से हूं। मन करता है कि राजस्थानी फिल्में भी साउथ जैसे हिट हों, राजस्थानी संस्कृति को बढ़ावा मिले। इसी कारण चुनाव किया।
कोटा में हवाई सेवा की कमी खली
कमी खली, ३० साल में पहली बार ट्रेन का सफर किया। रेलवे के प्रति खराब छवि थी। ..साफ-सफाई नहीं होगी, खाना भी अच्छा नहीं, अटेंडेंट सही नहीं वगैरह…। खाने की खुद की पोटली साथ लेकर आया, लेकिन जब ट्रेन में ठीक लगा। अटेंडेंट ने भी सहयोग किया।

कुछ फिल्म के बारे में बताएं
अभिनेत्री विजय लक्ष्मी मोली बाई सास के रोल में हैं। यतीन आर्येकर, नेहा जैन, बालिका वधू फेम अमर शर्मा, अशोक बंठियां, गौरी वान खेड़े, प्रिया राजपूत मुख्य भूमिका में हैं। निर्माता-निर्देशक राजेन्द्र गुप्ता, सहनिर्देशक मीनाक्षी शर्मा व कार्यकारी निर्माता सुभाष सोरल हैं। स्वर गायिका अनुराधा पौढ़वाल, रविन्द्र साठे, अमर शिवराम ने दिया। कोटा शहर में १८ अगस्त को यह फिल्म रिलीज होगी।

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