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मर जाएंगे या मार डालेंगे राजस्थान सरकार और वन विभाग के इस विस्थापन पैकेज को लेने से ग्रामीणों ने साफ इनकार कर दिया। ग्रामीणों ने उन पर विस्थापन की दोहरी नितियां लागू करने का आरोप लगाते हुए कहा कि गिरधरपुर और दामोदर पुरा गांव के लोगों को सरकार 10-10 लाख का पैकेज दे रही है। जबकि बाकी बचे गांवों को इसके मुकाबले बेहद कम। इस पर ग्रामीणों ने सरकार के खिलाफ खुली लड़ाई लड़ने का ऐलान कर दिया कि या तो मर जाएंगे या मार डालेंगे, लेकिन विस्थापन में दोहरी नीति लागू नहीं होने देंगे।
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इन गांवों का विस्थापन बाकी सरकार भले ही मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में 13 दिसंबर तक बाघ लाने की तैयारी में जुट गई हो, लेकिन 12 गांव के लोगों का विस्थापन ना होने से यह योजना खटाई में पड़ सकती है। लक्ष्मीपुरा, खरली बावड़ी, रूपपुरा, अखावा, कोलीपुरा, मुकुंदरा, दरा घाटी, मशालपुरा, नारायणपुरा, बागचांच, अम्बा और नौसेरा गांव के करीब 8 हजार लोगों का विस्थापन अभी तक नहीं हो पाया है। दो तरह के पैकेज की घोषणा से ग्रामीणों में रोष है। ऐसे में वन विभाग इन लोगों को जबरन मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व से बाहर निकालने की कोशिशों में जुट गया है। जिससे ग्रामीणों में खासा रोष है।