काम पत्नी से मिली प्रेरणा विजय सोनी बताते हैं कि पत्नी सावित्री देवी की 2009 में एमबीएस के स्ट्रॉक यूनिट में मौत हो गई थी, उन्हें पैरालाइसिस था। डेढ़ साल तक पलंग पर ही रही, जिसकी सेवा की। पहले पत्नी की सेवा करता, बाद में एमबीएस में मरीजों की सहायता करने आता। उसके बाद इसे जीवन का लक्ष्य बना लिया। अब पूरा दिन एमबीएस में ही बिताता हूं।
दो लड़के, दोनों को पैरालाइसिस विजय सोनी के 7 बच्चे हैं जिसमें 6 लड़कियां, जिनकी शादी कर चुके हैं। दो लड़के हैं, दोनो पैरालाइसिस से पीडि़त। बड़ा लड़का अमित सोनी (38) जिसका एक हाथ व एक पैर खराब है। छोटा बेटा विष्णु (28) जो घर पर ही रहता है। उसके सिर का काफी हिस्सा खराब है। सोनी पहले इन बच्चों के लिए खाना बनाते हैं और इनकी आवश्यकताओं की पूर्ति कर एमबीएस चले जाते हैं। शाम को वापस आकर दोनों के लिए फिर से खाना बनाते हैं, सुबह जल्दी उठकर इनके कपडे़ धोने सहित अन्य कार्य करते हैं।
फैमिली फीलिंग पुत्र अमित सोनी ने कहा कि पिताजी हर कार्य छोड़ सकते हैं लेकिन एमबीएस जाना नहीं। वह कहते हैं, जीवन में दूसरों के काम आओ। लोग छोटी सी समस्या से आत्महत्या कर लेते हैं, लेकिन उन्होंने परेशानियों में भी हौसला नहीं हारा। दोनों भाई पैरालाइसिस हैं, हमें भी हिम्मत दी और दूसरों को भी जीवन जीने का हौसला दे रहे हैं।