scriptअन्नदाता के आंसू: शर्म करो सरकार, मर रहा किसान | farmers Death From cold winter at kota Rajasthan | Patrika News
कोटा

अन्नदाता के आंसू: शर्म करो सरकार, मर रहा किसान

ऐसी सर्द रातों में घर से बाहर निकलना तो दूर, बिस्तर छोडऩे की हिम्मत नहीं होती। लेकिन, हमारा अन्नदाता खेत में फसल सींचता दिखाई देता है।

कोटाDec 26, 2017 / 10:03 am

​Zuber Khan

farmer's Death
सर्दी अपना असर दिखाने लगी है। तापमापी का पारा 10 डिग्री पर पहुंच चुका है। ऐसी सर्द रातों में घर से बाहर निकलना तो दूर, बिस्तर छोडऩे की हिम्मत नहीं होती। लेकिन, हमारा अन्नदाता आराम छोड़ खेत में पानी के बीच खड़ा होकर फसल सींचता दिखाई देता है। लेकिन सरकार किसानों के प्रति गंभीर नहीं है। डेढ़ महीने में 5 किसानों की सर्दी से मौत हो चुकी है।

कोटा ग्रामीण क्षेत्र के भदाना, रंगपुर, काला तालाब, अर्जुनपुरा, चंद्रेसल, मानपुरा सहित आधा दर्जन गांवों में खेतों में फसल को पानी पिला रहे किसानों ने सरकारी सिस्टम के आगे बेबस होकर कड़ाके की सर्दी में उपज को सींचने की मजबूरी बताई। कहा कि अंधेरे में जहरीले जंतुओं के काटे जाने का भी डर रहता है।
यह भी पढ़ें

अन्नदाता के आंसू: खून जमा देने वाली सर्दी में सिंचाई कर रहे किसान की मौत



भदाना-किशनपुरा तकिया मार्ग पर खेत का पलेवा कर रहे किसान तुलसीराम सुमन ने कहा कि गेहूं की फसल को रात भर सर्दी में खुले आसमान के नीचे फसलों को पानी देना पड़ता है। सरकार दिन की जगह रात को बिजली दे रही है। ऐसे में उनकी मजबूरी है, कड़ाके की सर्दी में खेतों में रतजगा करने की। अपनी पीड़ा बताते हुए उनका दर्द फूट पड़ा। उन्होंने कहा कि ‘नहर में पाणी आयो तब तो खेत में धान कट्यो पड़्यो छो। अब खेत खाली होयो तो नहर बंद हो ग्यी। अस्यां म्हं मोटर चला कै पाणी लेणों पड़ र्यो छै। काईं करां, अधिकार्यां के आगे बेबस छां। दन में थ्रीफेज लाइट दे दे तो कड़ाका की सर्दी में रात काळी न होवे।
यह भी पढ़ें
Human Story:

बेटियों की पढ़ाई में रुकावट बना पैसा तो ढाल बन खड़ी हो गई निसा



हृदयाघात की आशंका बढ़ जाती है
सीनियर फिजिशियन के.शृंगी ने बताया कि कड़ाके की सर्दी से व्यक्ति के शरीर में धमनियां संकुचित हो जाती हैं। इससे ब्लड की कमी आने से हृदयाघात की आशंका बढ़ जाती है। ब्रेन पर असर से लकवे की शिकायत हो सकती है। बीपी बढ़ जाता है। हाथ-पैरों में भी पैरिफ्रल गैंगरीन की आशंका रहती है।
यह भी पढ़ें

वैरी स्मार्ट: कोटा के चोर खाते हैं काजू-बादाम, तेल के पीपे तक नहीं छोड़ते, व्यापारि बोले-कुछ कीजिए एसपी साहब



डेढ़ माह में सर्दी से 5 किसानों की मौत
22 नवम्बर की रात पीपल्दा पंचायत के ईश्वरपुरा गांव में सरसों में पलेवा करने गए किसान लालचन्द मेघवाल की सर्दी से मौत हो गई। पहले भी हिरियाखेड़ी पंचायत के चौसला गांव में खेत पर रखवाली करने गए किसान मांगीलाल मेहर (45) की सर्दी से मौत हुई थी।
यह भी पढ़ें

अन्नदाता के आंसू: सर्द रात में परिवार को छोड़ फसलों को पानी पिलाने खेत पर गया किसान की सर्दी से मौत



17 दिसम्बर. कोटा जिले के बपावर थाना क्षेत्र के डाबरीकलां गांव में रविवार रात को फसल को पानी देते समय सर्दी से किसान की मौत हो गई। डाबरीकलां गांव निवासी हीरालाल मेघवाल (45) तड़के पांच बजे खेत पर फसल को पानी दे रहा था। इसी दौरान अचानक उसे कंपकंपी लगी और तबीयत खराब हो गई। परिजन व ग्रामीण उसे लेकर सांगोद अस्पताल पहुंचाया, जहां से प्राथमिक उपचार के बाद उसे कोटा रैफर कर दिया। रास्ते में उसने दम तोड़ दिया। पिछले दिनों मोड़क क्षेत्र में भी सर्दी में रात में सिंचाई करते वक्त एक किसान की मौत हो गई थी।
25 दिसम्बर. झालरापाटन सदर थाना क्षेत्र के गंाव पृथ्याखेड़ी में रविवार रात खेत पर सिंचाई करते समय तेज सर्दी के कारण एक किसान की मृत्यु हो गई। शिवलाल धाकड़ ने दर्ज कराई रिपोर्ट में बताया कि रविवार रात को उसके साथ उसका भाई कालूलाल धाकड़ (28) खेत में गेहूं की फसल में सिचंाई कर रहा था। इसी दौरान तेज सर्दी के कारण उसके शरीर में अकडऩ आने के साथ ही मौके पर ही मृत्यु हो गई।

Hindi News / Kota / अन्नदाता के आंसू: शर्म करो सरकार, मर रहा किसान

ट्रेंडिंग वीडियो