औषधि नियंत्रक अधिकारी योगेश कुमार और दिनेश कुमावत ने बताया कि अवैध रूप से एनडीपीएस की दवाएं बेचने की सूचना पर खारी बावड़ी पहुंचे तो यहां एक फार्मा पर जांच की। रिकॉर्ड जांचने में सामने आया कि उसने नशे व नींद में काम आने वाली 3000 टेबलेट अल्प्राजोलाम, 500 बोतल कोडिंन सिरप रिटेल में बेच दी, लेकिन उसके पास बेचान का कोई रिकॉर्डनहीं मिला, जबकि राज्य सरकार ने नशे की इन दवाइयों पर रोक लगा रखी है।
थोक विक्रेता रिटेल में नहीं बेच सकता :
उन्होंने बताया कि यह दवाएं डॉक्टर के पर्चे पर ही रिटेल में बिक सकती हैं, लेकिन थोक व्यापारी विवेक कालरा यहां बिना बिल इसे बेच रहा था। दुकान पर कोई बिल और कंप्यूटर सिस्टम भी नहीं मिला। इस दुकान का अभी केवल 6 महीने का स्टॉक का वेरिफिकेशन किया गया है। इसमें बड़ी अनियमितता मिली है। सहायक औषधि नियंत्रण अधिकारी प्रहलाद मीणा ने बताया कि थोक के लाइसेंस पर कोई रिटेल में दवा नहीं बेच सकता। एनडीपीएस की दवा प्रारंभिक रूप पर रिटेल में बिना बिल के बेचना सामने आया है। पहले इसको नोटिस देंगे। उसके बाद लाइसेंस रद्द करने सहित अन्य कार्रवाई की जाएगी।