यह कहते हैं आंकड़े कॅरिअर काउंसलिंग एक्सपर्ट अमित आहूजा ने बताया कि रिपोर्ट के मुताबिक इस वर्ष टॉप 50 रैंक वाले स्टूडेंट्स में से 47 स्टूडेंट्स ने आईआईटी बॉम्बे, 2 स्टूडेंट ने आईआईटी दिल्ली में प्रवेश लिया। टॉप 100 रैंकर्स में 72 स्टूडेंट्स ने आईआईटी बॉम्बे, केवल 2 स्टूडेंट ने मद्रास में प्रवेश लिया।
इसी तरह टॉप 200 रैंकर्स में से 100 स्टूडेंट ने बॉम्बे, 50 स्टूडेंट ने दिल्ली, 30 ने मद्रास, 16 स्टूडेंट ने कानपुर में प्रवेश लिया। इसके अतिरिक्त टॉप 500 रैंक तक के स्टूडेंट्स में 179 स्टूडेंट्स ने बॉम्बे, 109 स्टूडेंट ने दिल्ली, 69 ने मद्रास, 42 स्टूडेंट्स ने कानपुर, 45 स्टूडेंट्स ने खड़गपुर, 33 स्टूडेंट्स ने आईआईटी रूड़की, 7 स्टूडेंट्स ने गुवाहाटी, 3 स्टूडेंट्स ने हैदराबाद को एडमिशन के लिए चुना।
45 फीसदी ने बॉम्बे-दिल्ली को चुना जारी आंकड़ों के अनुसार, टॉप 1000 रैंकर्स में 45 फीसदी स्टूडेंट्स ने केवल दो टॉप आईआईटी बॉम्बे एवं दिल्ली में एडमिशन लिया। 24 प्रतिशत स्टूडेंट्स ने कानपुर, मद्रास को प्राथमिकता दी। टॉप 1000 रैंकर्स में से 246 स्टूडेंट्स ने आईआईटी बॉम्बे, 204 स्टूडेंट ने आईआईटी दिल्ली, 128 ने मद्रास, 117 स्टूडेंट में कानपुर, 82 स्टूडेंट्स ने खड़गपुर, 69 स्टूडेंट्स ने गुवाहाटी, 55 स्टूडेंट्स ने आईआईटी रूड़की, 41 स्टूडेंट्स ने हैदराबाद, 23 ने बीएचयू, 5 स्टूडेंट ने आईआईटी इंदौर, गांधीनगर में 1 स्टूडेंट ने एडमिशन लिया। ऐसे में टॉप 1000 रैंकर्स में सबसे ज्यादा प्रवेश पुराने टॉप आईआईटीज में लिया। केवल नए आईआईटी में हैदराबाद आईआईटी को अच्छी प्राथमिकता दी।
क्यों टॉपर्स चुनते हैं पुरानी आईआईटी एक्सपर्ट के अनुसार, टॉपर्स केवल टॉप-7 आईआईटी को ही ज्यादा प्राथमिकता देते हैं। इसका प्रमुख कारण पुराने 7 आईआईटी में प्रतिस्पर्धात्मक माहौल अधिक मिलता है। इसके कारण विद्यार्थी अपना सर्वांगीण विकास कर पाते हैं। इन आईआईटी में जॉब प्लेसमेंट के लिए कंपनियां भी अन्य आईआईटी के मुकाबले में ज्यादा संख्या में आती हैं, जो हर फील्ड के बच्चों को प्लेसमेंट के लिए मौका देती हैं। साथ ही, वर्ल्ड की टॉप एमएनसी इन आईआईटी में करोड़ों तक के पैकेज स्टूडेंट्स को ऑफर करती हैं। इसके अतिरिक्त इन आईआईटी से विदेश में एमएस करने के लिए भी असीम संभावनाएं उपलब्ध रहती हैं।
यहां के प्रोफेसर्स का रिकमंडेशन विदेश की पढ़ाई में बहुत महत्वपूर्ण होता है। साथ ही, पुराने आईआईटी में स्टार्टअप की संभावनाएं ज्यादा हैं। इसके लिए फण्ड भी आसानी से मिल जाता है। इसके अतिरिक्त टॉपर्स के अलावा भी अन्य स्टूडेंट्स की प्राथमिकता पुराने टॉप आईआईटी ही रहते हैं। भले उन्हें इन आईआईटी में लोअर ब्रांच ही क्यों ना मिले। वे स्टूडेंट्स भी नई आईआईटी की बजाय पुराने आईआईटी में जाना पसंद करते हैं।