पत्रिका: कोटा में हालत बेकाबू हो रहे हैं, अब सरकार क्या कदम उठा रही है। चिकित्सा मंत्री: मुख्यमंत्री खुद इसकी निगरानी कर रहे हैं, लेकिन वहां के स्थानीय प्रशासन को ज्यादा ठोस कदम उठाने चाहिए। वीसी में बार-बार यही कहा जा रहा है ज्यादा से ज्यादा सैंम्पल लें। सुरक्षा के साथ स्क्रीनिंग तेजी से करें।
पत्रिका: क्या भीलवाड़ा जैसा मॉडल कोटा में लागू करने की जरूरत नहीं है। चिकित्सा मंत्री: भीलवाड़ा में जो कदम उठाए गए वैसा करने के लिए वीसी में कहा जा चुका है, वहां रूटलेस कन्टेनमेंट कफ्र्यू लगाया गया। वही कोटा में सख्ती से करना चाहिए।
पत्रिका: अब जो हालात हैं उसके लिए आगे क्या कदम उठाएंगे। चिकित्सा मंत्री: कोटा के हालातों पर मुख्यमंत्री से चर्चा करेंगे और ज्यादा ध्यान दिया जाएगा। कोटा के अधिकारियों से भी बात करेंगे।
पत्रिका: सर्वे में शामिल आंगनबाड़ी कार्यकर्ता संक्रमित हो गई, इसके लिए क्या कहेंगे। चिकित्सा मंत्री: सर्वे टीम के लिए सुरक्षा इंतजाम करने चाहिए, संसाधनों की कमी नहीं है। आवश्यक दवा अधिग्रहण कर ली गई है। पीपीई किट और अन्य संसाधन चाहिए तो मांग करें तत्काल उपलब्ध कराएंगे।
पत्रिका: चंद्रघटा क्षेत्र में कफ्र्यू के बाद भी लोग बाहर आए और नदी के रास्ते निकलने की कोशिश की, पुलिस के होते ये सब हो रहा है। चिकित्सा मंत्री: इस मामले में पुलिस को सख्ती करनी चाहिए। कोई नहीं माने तो कानून कार्रवाई करनी चाहिए।