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3000 रुपए की रिश्वत मांगी थी एसीबी निरीक्षक ज्ञानचंद ने बताया कि आशा सहयोगिनी को नसबंदी शिविरों में कार्य करने के लिए सरकार की ओर से 10 हजार रुपए की राशि मिलनी थी। इस पैसे को हासिल करने के लिए उसने बिल तैयार किए और सत्यापन के लिए उपस्वास्थ्य केंद्र डोडी ANM भंवरी सेन को सौंप दिए, लेकिन भंवरी ने बिलों का सत्यापन करने के लिए तीस परसेंट की रिश्वत मांगी।
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रंगे हाथों धर दबोचा ACB ने आशा सहयोगिनी की शिकायत का पहले सत्यापन कराया। मामला सही पाए जाने पर एसीबी ने एएनएम को रंगे हाथों गिरफ्तार करने के लिए जाल बिछाया और मंगलवार शाम को आशा सहयोगिनी को रिश्वत देने के लिए एएनएम भंवरी के पास भेज दिया। भंवरी ने आशा सहयोगिनी को बांसी उपस्वास्थ्य केंद्र के पास स्थित मकान में बुलाया था जहां वह किराए के मकान में रहती है। भंवरी के घर पहुंचने के बाद आशा सहयोगिनी ने जैसे ही रिश्वत के तीन हजार रुपए उसे सौंपे, ACB की टीम ने उसे रंगे हाथ धर दबोचा।