काम सरकारी पर्ची से निजी अस्पताल में होगा इलाज राजकीय चिकित्सालय में रोगी पर्ची बनवाकर
भामाशाह योजना में पंजीकृत निजी चिकित्सालयों में परामर्श लिया जा सकेगा। मरीजों को दवाएं सरकारी चिकित्सालयों में नि:शुल्क प्राप्त होंगी। सभी राजकीय चिकित्सा संस्थानों में अस्थाई नियुक्ति के लिए आवेदन आमंत्रित किए है। एमबीएस को 3 हजार, पीजी को 4 हजार रुपए प्रतिमाह मानदेय दिया जाएगा।
आयुष चिकित्सक लगाए चिकित्सा व्यवस्था के लिए आयुर्वेद विभाग ने 29 आयुष चिकित्सक व चिकित्सा विभाग ने 41 चिकित्साधिकारियों को विभिन्न संस्थानों में नियुक्त किया है। जिले के सभी चिकित्सा संस्थानों में मेडिकेयर रिलीफ सोसायटी की ओर से चिकित्सकों को मानदेय के भुगतान की व्यवस्था की जाएगी। चिकित्सा संस्थानों में आने वाले मरीजों के लिए दवाइयों की व्यवस्था चिकित्सा संस्थानों द्वारा एमआरएस मद से की जा सकेगी। जिला स्तर पर नियंत्रण कक्ष बनाया गया। इसके प्रभारी अतिरिक्त कलक्टर शहर होंगे। दूरभाष नम्बर 0744-2325342-2323557 एवं टोल फ्री नम्बर-1077 है।
डॉ. एचएल मीणा को बनाया जेके लोन का अधीक्षक जेके लोन अधीक्षक के पद पर सोमवार को पीडियाट्रिक विभाग के एचओडी डॉ. अमृतलाल बैरवा को मेडिकल कॉलेज कोटा के प्राचार्य डॉ. गिरीश वर्मा ने अधीक्षक बना दिया था लेकिन एक दिन बाद ही आदेश बदल गए, मंगलवार को डॉ. एचएल मीणा ब्लड बैंक प्रभारी को जेके लोन चिकित्साय का अधीक्षक बना दिया है। प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा आनंद कुमार ने बताया कि मातृ एवं शिशु चिकित्सालय में अधीक्षक के पद पर डॉ. मीणा की नियुक्ति गई है, जिसके आदेश निकाल दिए हैं।