राज्य सरकार ने हर संभाग मुख्यालय पर अभय कमांड सेंटर खोलने की योजना बनाई थी। जयपुर-जोधपुर के बाद कोटा में 18 अगस्त को सीएडी रोड स्थित हेमू कालानी सामुदायिक भवन में इसका उद्घाटन किया गया। गृहमंत्री ने इसका उद्घाटन करते वक्त बड़े-बड़े दावे किए थे कि इसके शुरू होने से शहर को लाभ होगा। किसी भी कोने में कोई भी वारदात होगी या वारदात को अंजाम देने के बाद अपराधी बचकर नहीं जा सकेगा। शहर में लगने वाले 800 से 1000 सीसीटीवी कैमरे कमांड सेंटर से जुड़ जाएंगे। इससे कहीं भी कोई घटना होने पर वह कैमरे में कैद हो जाएगी। इसका रिकॉर्ड कमांड सेंटर में रहेगा। साथ ही, इसका संचालन करने वाला तकनीकी स्टाफ बड़ी स्क्रीन के जरिए शहर को लाइव देख सकेगा। हालांकि अब तक यह उपयोगी साबित नहीं हुआ है।
पूरे कैमरे लगे न स्टाफ
अभी तक शहर में न तो पूरे सीसीटीवी लगे, न ही कमांड सेंटर में पूरा स्टाफ है। शुरू के वक्त सिर्फ 50 कैमरे ही लगे थे। ये प्रमुख चौराहों व बाजारों को कवर करते हुए लगाए गए थे। उस समय स्टाफ भी गिनती का था। अभी तक यहां पूरे संसाधन उपलब्ध नहीं हो सके हैं।
शहर 4 माह बाद सिर्फ 400 कैमरे ही लगने का दावा किया जा रहा है। अभी उनके पोल लगाने व तार कनेक्शन का काम चल रहा है। स्टाफ भी करीब 150 का लगना है, जिसमें से एक तिहाई ही काम कर रहा है। सेंटर में 120 कम्प्यूटर व 24 बड़ी स्क्रीन हैं।
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घर बैठे पहुंचेगा चालान
कमांड सेंटर के पूरी तरह से काम करने पर किसी भी चौराहे पर लाल बत्ती क्रॉस करने या तेज गति से वाहन चलाने पर यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों के चालान घर बैठे पहुंच जाएंगे। कैमरों में ऐसे वाहनों के नम्बर कैद हो जाएंगे। इससे यातायात पुलिस सड़क पर चालान काटने की जगह सीधे घर पर चालान पहुंचा देगी।