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जिस अंजनहिल कोल माइंस में 15 ऑफिसर्स-कर्मचारियों की हुई थी मौत, अब जा रहा है निजी हाथों में, निकाला ग्लोबल टेंडर

Anjanhill mines: अंजनहिल कोल खदान में 6 मई 2010 को कोल इंडिया (Coal India) का हुआ था सबसे बड़ा हादसा, एसईसीएल बिलासपुर (SECL Bilaspur) ने ग्लोबल टेंडर निकाला, अब अंजनहिल और बरतुंगा हिल दो खदानें खुलेंगीं दोबारा, 12 साल से लगा हुआ था ताला

कोरीयाMay 08, 2022 / 02:53 pm

rampravesh vishwakarma

Anjanhill coal mines

Anjanhill coal mines accident

बैकुंठपुर/चिरमिरी पोड़ी. Anjanhill Coal Mines: कोरिया जिले के अंजनहिल माइंस चिरमिरी में 6 मई 2010 को कोल इंडिया (Coal India) का सबसे बड़ा हादसा हुआ था। इसमें 15 ऑफिसर्स एवं कर्मचारियों की मौत हो गई थी। इस हादसे के बाद से उक्त खदान को बंद कर दिया गया था। 12 साल बाद अब 2 माइंस बनाकर निजी हाथों में सौंपने की प्रक्रिया शुरु कर दी गई है। एसइसीएल बिलासपुर (SECL Bilaspur) ने निजी हाथों में कांट्रेक्ट पर देने ग्लोबल टेंडर निकाला है। अंजनहिल और बरतुंगा हिल 2 खदानें दोबारा खुलेंगी। इसे 10-10 मिलियन में 25-25 साल के लिए कांट्रेक्ट पर दिया जाएगा।

वर्ष 1995-96 में अंजनहिल भूमिगत खदान बरतुंगा खुली थी। इसमें रोजाना 3 हजार टन कोयले का उत्पादन होता था और करीब 3 हजार से अधिक अधिकारी व कर्मचारी कार्यरत थे। वर्ष 2010 में 6 मई को हादसा हुआ। इसमें जीएम ऑपरेशन, 5 इंजीनियर सहित 15 अधिकारी-कर्मचारियों की मौत हो गई थी।
मामले में घटना के बाद से स्थानीय एसइसीएल प्रबंधन ने माइंस से तत्काल कोयले का उत्खनन बंद कर दिया था। केवल औपचारिकता के तौर पर अन्य कार्यों को अंजाम दिया जाता था। अंजनहिल माइंस दुर्घटना को कोल माइंस की सबसे बड़ी खान दुर्घटना के तौर पर रखा गया है। वहीं जुलाई 2017 को कोल इंडिया की लंबी जांच और कार्रवाई के बाद खदान को भूमिगत परियोजना से हटाकर ताला लगा दिया गया है।

ओपन कास्ट प्रोजेक्ट बनाने का भेजा गया था प्रस्ताव
अंजनहिल खदान को वर्ष 2017 में अधिकृत रूप से ताला लगाने का निर्णय लिया गया है। वहीं एसइसीएल चिरमिरी क्षेत्र के अनुसार भूमिगत खदान को ओपन कास्ट परियोजना के रूप में दोबारा शुरू करने के लिए हेड क्वार्टर को प्रस्ताव भेजा गया था।
लेकिन ओपन कास्ट प्रोजेक्ट बनाने की प्रक्रिया में काफी लंबा समय लगने को ध्यान में रखकर अंडरग्राउंड माइंस खोलकर निजी हाथों में सौंपने का निर्णय लिया गया है। क्योंकि ओपन कास्ट माइंस के लिए खदान के ऊपर शहर की सबसे घनी आबादी बसी है। इससे आबादी को विस्थापित कर दूसरे स्थान पर बसाने में मशक्कत करनी पड़ सकती थी।
खदान नंबर-3, अब बरतुंगा हिल खदान के नाम से
अंजनहिल कोयला खदान में बड़ा हादसा हुआ, उस समय खदान नंबर-३ संचालित थी। इसका मुहाना दूसरे तरफ से खुलता था। हादसे के बाद खदान नंबर-3 को भी बंद कर दिया गया था। मामले में एसईसीएल के ग्लोबल टेंडर के हिसाब से अब अंजनहिल और बरतुंगाहिल दो खदानें खुलेंगी। अंजनहिल की खदान नंबर-3 बरतुंगा हिल खदान के नाम से खुलेगी।

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जारी हुआ है ग्लोबल टेंडर
ग्लोबल टेंडर हुआ है। इसमें जो भी कंपनी इच्छुक होगी। यहां आने के बाद देखकर रेट तय होगा। उसके बाद फाइनल होने के बाद ही यह माइंस शुरू होगी।
घनश्याम सिंह, महाप्रबंधक एसइसीएल चिरमिरी

अंडर ग्राउंड ही संचालित होगा माइंस
मैनेजमेंट के अनुसार अंजहिल खदान (Anjanhill coal mines) से आग को निकालकर ओपन कॉस्ट चलाने का विचार था। लेकिन ऊपर से अंडर ग्राउंड चलाने के लिए परमिशन आया है तो अंडरग्राउंड ही चलाया जाएगा। बरतुंगा में एक सिम था, जिसका कनेक्शन अंजनहिल माइंड की तरफ था। इस कारण बरतुंगा माइंस को बंद कराया गया था। उसे भी मैनेजमेंट शुरू करने का विचार किया है। दुर्घटना के समय बरतुंगा हिल को भी बंद कराया गया था, ताकि अंजनहिल खदान की आग और गैस इस माइंस तक ना पहुंच सके।
लिंगराज नाहक, सदस्य एसइसीएल कल्याण बोर्ड बिलासपुर

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