बताया जाता है कि पसान थाना क्षेत्र के गांव दर्रीपारा में अनिल चौधरी (30) का ससुराल है। अनिल ससुराल में पत्नी और बच्चों के साथ रहता था। बताया जाता है कि एक माह पहले अनिल की हत्या उसके ब्रदर इन ला राजकुमार और रवि कुमार ने परिवार वालों के साथ मिलकर कर दी। सबूत को छिपाने के लिए शव को घर के पीछे बाड़ी में दफना दिया। अनिल ससुराल में नहीं दिख रहा था। इस बीच अनिल का छोटा भाई दुर्गेश पतासाजी करते हुए दर्रीपारा पहुंचा। रवि और राजकुमार ने उसे बताया कि अनिल रोजी मजदूरी करने रायपुर चला गया है। उनकी बातों को सुनकर दुर्गेश को भरोसा हो गया। वह अपने घर लौट गया।
मधुमक्खी के छत्ते को जलाने के लिए लगाई गई आग निर्माणाधीन पानी टंकी के बांस-बल्लियों तक पहुंची, जलकर खाक इस बीच गांव में धीरे-धीरे अनिल की हत्या की चर्चा होने लगी। हत्या के लगभग 15 दिन बाद राजकुमार और रवि ने घर की बाड़ी से शव को बाहर निकाला। बाड़ी से लगभग 300 मीटर दूर जंगल के पास गड्ढा खोदकर आनन-फानन में दफना दिया। शुक्रवार को हुई बारिश से मिट्टी पानी के साथ बहकर बाहर चला गया। गड्ढे में शव दिखाई देने लगी। जंगल में जानवर चराने गए चरवाहे की नजर लाश पर पड़ी। उसने गांव वालों को घटना से अवगत कराया। लाश को देखकर ग्रामीणों ने बताया कि शव अनिल चौधरी की है। रविवार को पुलिस कानूनी कार्रवाई पूरी करने के बाद शव को गड्ढे से बाहर निकालने की तैयारी में है। इधर, घटना के बाद से पूरा परिवार फरार है। घर में ताला लगा हुआ है।