CG Weather News: कोरबा में पीएम 10 का अधिकतम स्तर पहुंचा 500 तक
कोरबा की हवा में पीएम 10 के बढ़ते स्तर ने परेशानी बढ़ा दी है। शहर में हवा की गुणवत्ता को बताने के लिए केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड की ओर से क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय परिसर में मशीन लगाई गई है। मशीन हवा की गुणवत्ता का विश्लेषण करती है और इसकी रिपोर्ट सार्वजनिक करती है। इससे संबंधित जानकारी प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड जारी करता है। रविवार को पर्यावरण संरक्षण मंडल ने जो आंकडे़ जारी किए वह लोगों के लिए चिंताजनक था।
ऑनलाइन आंकडे़ में बताया गया है कि शनिवार रात नौ बजे से रविवार सुबह तक कोरबा मे पीएम टेन तीन बार खतरनाक स्तर को पार किया। एक बार 446, दूसरी बार 500 और तीसरी बार 421 दर्ज किया गया। रविवार दोपहर तीन बजे तक भी एक बार पीएम टेन का स्तर खतरनाक स्थिति में पहुंच गया। शाम को पीएम 2.5 भी खतरनाक स्थिति में पहुंच गया। हवा में इसकी अधिकतम मात्रा 190 दर्ज किया गया। जबकि न्यूनतम 57 रिकार्ड दर्ज किया गया। कोरबा की हवा में प्रदूषण की मात्रा ने यहां रहने वालों की चिंता बढ़ा दी है।
हवा की गुणवत्ता खराब होने का स्वास्थ्य पर ऐसे हो रहा असर, बढ़ रहे सांस के मरीज
हवा की गुणवत्ता खराब होने का असर लोगाें के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। इस सीजन में मेडिकल कॉलेज सहित अन्य डॉक्टरों के पास खांसी से पीड़ित मरीज पहुंच रहे हैं। मरीज डॉक्टरों को बता रहे हैं कि उनकी खांसी ठीक नहीं हो रही है। बार-बार खांसी आ रही है। सुबह और रात के समय यह समस्या अधिक होती है। डॉक्टर इन्हें एलर्जिक अस्थमा का लक्षण मान रहे हैं और इलाज के लिए दवाइयां दे रहे हैं। मेडिकल कॉलेज अस्पताल में ही रोजाना 10 से 12 नए मरीज पहुंच रहे हैं। शहर में अन्य डॉक्टरों के पास भी खांसी की समस्या लेकर जाने वाले डॉक्टरों के पास भी मरीजाें की समस्या कम नहीं है। इसके पीछे का कारण हवा की गुणवत्ता ठीक नहीं है। हवा में मौजूद पीएम 10 (पार्टिकुलेट मैटर) और पीएम 2.5 छोटे-छोटे कण होते हैं, जिन्हें आंखों देखा नहीं जा सकता। ये कण स्वास्थ्य के लि हानिकारक होते हैं। शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं।
जब इन कणों की मौजूदगी हवा में बढ़ती है तो
पीएम 10 और 2.5 का स्तर बढ़ता है। इससे लोगाें को स्वाश लेने में दिक्कत होती है। आंखों में जलन की समस्या होती है। कोरबा जैसे शहर में इन कणों की मौजूदगी खतरनाक स्तर पर पहुंचने से यहां रहने वाले लोगों पर सीधा असर पड़ता है। कण सांस नली के रास्ते फेफड़ों पहुंच जाते हैं और फेफड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं। हवा में पीएम 2.5 की मात्रा 60 और पीएम 10 की मात्रा 100 ज्यादा नहीं होनी चाहिए।
दीपका में स्थिति संतोषजनक नहीं
कोरबा में पीएम 10 का स्तर जहां खतरे के निशान पर पहुंचा गया तो दीपका की स्थिति ठीक नहीं। दीपका मेें पीएम टेन का स्तर 140 दर्ज किया गया। हालांकि इसके पहले दीपका की हवा कोरबा से भी खराब दर्ज की गई थी। लेकिन कोल डस्ट को नियंत्रित करने से इसमें थोड़ी राहत आई है। इससे लोगों को थोड़ी राहत मिली है।