मामले में शराब दुकान के सुपरवाइजर, सेल्समेन अैर मल्टी वर्कर तीन कर्मचारियों के खिलाफ छत्तीसगढ़ आबकारी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।
आबकारी विभाग के अनुसार, विदेशी मदिरा दुकान ट्रांसपोर्ट नगर कोरबा में रविवार 9 जून को आबकारी विभाग के टीम अचानक जांच करने के लिए पहुंची। इस दौरान शराब दुकान के कर्मचारी सुपरवाइजर प्रतिपाल यादव, सेल्समेन प्रवीण जायसवाल एवं मल्टींवर्कर होलिका सिंह को रंगे हाथों शराब की बोतलों में पानी मिलावट करते पकड़ लिया।
आरोपियों के पास से 6 नग मैकडॉवेल्स नंबर 1 बॉटल में मिलावट कर भरी गई शराब मिली। इसी तरह 6 नग मैकडॉवेल्स नंबर 1 बॉटल की खाली बोतल और ढक्कन, 6 नग गोवा व्हिस्की बॉटल खाली बोतल और 4 नग आटरडार्क ब्रांड की बॉटल की खाली शीशी व ढक्कन बरामद किया। मामले में आरोपियों के विरुद्ध छत्तीसगढ़ आबकारी अधिनियम 1915 की धारा 38(क) के तहत अपराध पंजीबद्ध किया है। बताया जा रहा है कि तीनों कर्मचारियों को सहायक आयुक्त आबकारी ने सेवा से पृथक भी करने की कार्रवाई की जा रही है। इतना ही नहीं इन कर्मचारियों के खिलाफ जुर्म दर्ज कर मामला कोर्ट के सुपुर्द किया जाएगा। क्योंकि मामला संवेदनशील है।
Korba News: शहर में मिलावट का यह पहला मामला नहीं
शराब में मिलावट के भंडाफोड़ का यह पहला मामला नहीं है। जिले में इसके पहले भी शराब में मिलावट के और मामले सामने आ चुके हैं। शहर के ही अन्य दुकान में भी इसी तरह शराब में मिलावट करने आबकारी विभाग ने कर्मचारियों को पकड़ा था। जाहिर है कि शराब में मिलावट कर बेचने का खेल लंबे समय से चल रहा है। बताया जा रहा है कि आबकारी अधिनियम की धारा 1915 की धारा 38 के तहत ऐसे आरोपियों को एक साल की सजा का प्रावधान है। तो वहीं एक लाख रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान है।
ऐसे मिलाते हैं शराब में पानी
सूत्रों ने बताया कि अंग्रेजी शराब की अच्छे ब्रांडेड की शराब की बॉटल में सील कमजोर रहती है। जिससे जानकार आसानी से सील निकाल लेते हैं। शराब निकालने के बाद उसमें पानी मिलाकर फिर से सेम टू सेम पैक कर देते हैं। कई शराब प्रेमियों का मानना है कि अक्सर देखने को मिलता है कि कई शराब की बोतलों में बहुत कम नशा चढ़ता है। इससे साफ जाहिर होता है कि उसमें पानी मिला है।