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CG Assembly Election 2023 : विधानसभावार तीन केंद्रों से होगा मतदान सामग्री वितरण चारों विधानसभा में प्रमुख पार्टियों के प्रत्याशी घोषित होने के बाद अब चुनावी रस्साकसी शुरू हो गई है। प्रत्याशी सुबह निकल रहे हैं तो रात 11 बजे तक प्रचार कर वापस लौट रहे हैं। दरअसल मतदान में अब सिर्फ 26 दिन बचे हैं। अगर प्रत्याशियों को एक-एक मतदाता से भी मिलना है तब भी 26 दिन कम पड़ जाएंगे। गणना की जाए तो एक-एक मतदाता को एक मिनट दे पाने का भी प्रत्याशियों के पास समय नहीं बचा है। इस मामले में सबसे अधिक परेशानी कांग्रेस के तीन प्रत्याशियों की है।
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कांग्रेस में थम नहीं रहा विरोध का सिलसिला, भितरघात का खतरा बढ़ा दरअसल कोरबा विधानसभा से राजस्व मंत्री की टिकट तो हर हाल में तय थी, लेकिन शेष तीन जगहों पर उहापोह की स्थिति थी। इसलिए कोरबा को छोड़कर बाकी तीन विधानसभा में कांग्रेस प्रचार-प्रसार शुरु नहीं कर सकी थी। अब टिकट मिलने के बाद भागमभाग बढ़ गई है।
सबसे अधिक परेशानी कांग्रेस के तीन प्रत्याशियों को विलंब से टिकट मिलने की वजह से मतदाताओं को साधने के लिए बहाना पड़ेगा अधिक पसीना यह भी पढ़ें: विधानसभा चुनाव: पहले चरण के चुनाव के लिए 294 उम्मीदवारों ने जमा किए 455 नामांकन वोटरों को बाद में, पहले रूठों को मनाने में जुटे भाजपा की टिकट पहले घोषणा हो गई थी। जहां-जहां पर विरोध या नाराजगी के स्वर सामने आ रहे थे। सभी को समय रहते मनाने के बाद प्रत्याशी अब पूरी तरह से चुनावी मैदान में उतर चुके हैं, लेकिन कांग्रेस के तीन प्रत्याशी पाली तानाखार, रामपुर और कटघोरा में विरोध के सुर थमने के नाम नहीं ले रहे हैं। नाराजगी को दूर करना और साथ मिलकर चुनाव में उतरना यह एक बड़ी चुनौती साबित होगी। साधने के लिए दोनों प्रमुख पार्टियों के सभी मोर्चा प्रकोष्ठ जुट गए हैं ताकि समय रहते सभी को साधा जा सके।
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Navratri Puja 2023 : 501 किलो फलों से हुआ मां बम्लेश्वरी का श्रृंगार विधानसभावार इतने मतदाताओं को साधना बड़ी चुनौती विधानसभा मतदाता प्रतिदिन वोटर्स संपर्क रामपुर 220896 8496
कोरबा 254743 9793
कटघोरा 214658 8256
पाली तानाखार 228061 8771 यह भी पढ़ें:
Raipur : ज्वैलरी संचालकों के ठिकानों से 3 करोड़ बरामद शहर में हर एक किमी में 15 सौ वोटर, गांव में पांच सौ शहरी इलाके में भले ही मतदाता अधिक हैं, लेकिन कम दूरी तय कर अधिक से अधिक मतदाताओं को प्रत्याशी साधने में कामयाब हो जा रहे हैं, लेकिन गांव में ऐसा नहीं है। शहर के हर एक किमी में औसत 15 सौ वोटर हैं, जबकि ग्रामीण अंचलों में यह आंकड़ा पांच सौ से अधिक नहीं है। शहर में एक वार्ड खत्म होने पर दूसरा वार्ड शुरु हो जाता है, लेकिन ग्रामीण अंचलों में एक गांव से निकलने के बाद तीन से चार किमी का सफर तय करना पड़ रहा है। इस वजह से समय अधिक लग रहा है।
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खाद्य पदार्थों की जांच के लिए निकली स्पेशल टीम, बिना सैंपल लिए लौटी सोशल मीडिया से वोटरों तक अपनी बात पहुंचा रहे प्रत्याशी सोशल मीडिया अब प्रचार-प्रसार का प्रमुख जरिया बन गया है। फेसबुक, इंस्टाग्राम में प्रचार के फोटो, वीडियो, रील, पोस्टर बनाने उसे वायरल कराने के लिए अब होड़ मची हुई है। हालांकि जैसे-जैसे चुनाव नजदीक जाएगा सोशल मीडिया को लेकर हलचल और तेज होगी।