इसका ताजा उदाहरण बिस्टान क्षेत्र के किसान अविनाश दांगी ने पेश किया है। दांगी ने एक हेक्टेयर रकबे में 70 तरह की फसलें उगाई है। यह कारनामा उन्होंने महज एक साल में कर दिखाया। मॉडल का सबसे खूबसूरत पहलू यह है कि इससे हर मौसम में लगातार आय संभव है। अविनाश इसके पहले भी 5 जिला स्तरीय पुरस्कार, 5 निजी कंपनियों के पुरस्कार के साथ। जैव विविधता के क्षेत्र में राज्य स्तरीय सम्मान, आर्गेनिक इंडिया द्वारा वर्ष 2019 में नेशनल डायनलिस्ट की टॉप टेन की सूची में शामिल हो चुके हैं।
अविनाश ने कहा- जैविक व प्राकृतिक खेती के संदर्भ में यह मॉडल मल्टी लेयर मल्टी क्रॉप रुट फॉरेस्ट फैमिली फार्मिंग मॉडल है। मल्टी लेयर से मतलब है भूमि के अंदर से ऊपर तक 5 से 6 परतों में विभिन्न फसलों की खेती करना । इस मॉडल में 4 से 5 वर्ष में प्राकृतिक पॉली हॉउस का निर्माण होगा। अभी मौसम के अनुकूल ही फसलें लगाई हैं।
इन फसलों की खेती में जुटे हैं अविनाश
इसमें ग्रीन व ब्लेक बॉकचोय, ग्रीन व रेड लेट्यूस, बाकला, बरबति, ब्रोकली, फ्रेंच बिन्स के अलावा फूलगोभी, लाल व सफेद मूली, हरी पत्तागोभी, पर्पल, रंगीन व ऑरेंज फूलगोभी, पालक, मेथी, पपीता, सुरजना, केला, सीताफल, अमरूद, नारियल, मोसंबी, संतरा, आम, निम्बू, कटहल, चीकू, सेवफल, अंजीर, हरा आँवला, जामुन, अनार, वॉटर एप्पल, लीची, चेरी, फालसा, काजू रामफल के हैं।
ऐसे बनाई कार्ययोजना
अविनाश ने नवाचार की शुरुआत जून 2021 में की। जून 2022 तक का लक्ष्य रखा है। इस एक वर्ष में वे 70 तरह की विभिन्न फसलों की खेती का लाजवाब प्रयोग कर रहे हैं। इनके खेत में अभी 18 तरह की सब्जियां, 32 तरह के फल और 4 मसाले वाली फसलें लगी हैं।
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एक लाख का फायदा
जून 2021 से दिसंबर 2021 तक अविनाश हरा धनिया, मूंगफली, उड़द, गेंदाफूल और स्वीट कॉर्न की उपज ले चुके हैं। इससे उन्हें लगभग 1 लाख का लाभ हुआ है। वर्तमान में अविनाश के मॉडल में 53 फसलें हैं। अविनाश के खेत में अभी चना, प्याज, अदरक सुरजना, पपीता, हल्दी अरहर, गाजर, ब्लैक बॅकचोय भी है।