अवलोकन के दौरान दल सदस्यों ने स्थानीय बोट संचालकों के साथ चर्चा की। प्राथमिक तौर पर संचालकों से बोट में लगे इंजन एवं उसके क्षमता के बारे में जाना। निरीक्षक दल के सामने दो विकल्प है। एक या तो बोट्स की छत पर सौलर पैनल लगाएं या तो किनारे पर छोटा प्लांट स्थापित कर बैटरी रिचार्ज कर उपयोग में लाएं। इसके अलावा पेट्रोल का विकल्प भी रहेगा।
जिला पुरातत्व, पर्यटन एवं संस्कृति परिषद् के सचिव एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत खरगोन दिव्यांक सिंह ने बताया दल द्वारा निरीक्षण कर संभावनाओं से राज्य स्तर को अवगत कराया जाएगा। राज्य पर्यटन बोर्ड से सहयोग के लिए अमित सिंह एवं स्थानीय स्तर पर जिला पंचायत के तकनीकी सहायक नीरज अमझरे उपस्थित रहे।
यहां चलती है भारत की पहली नौका
मध्यप्रदेश में विश्व का सबसे बड़ा तैरता सोलर प्लांट
नर्मदा नदी पर बने ओंकारेश्वर बांध क्षेत्र में विश्व का सबसे बड़ा तैरता हुआ सोलर एनर्जी प्लांट (floating solar energy plant) बनाया जा रहा है। इस प्लांट से 2022-23 तक 600 मेगावाट ऊर्जा प्रदेश को मिलेगी। इस प्रोजेक्ट की लागत करीब 3,000 करोड़ रुपए बताई जा रही है। सोलर पार्क बन जाने से मध्यप्रदेश में बिजली की समस्या दूर हो जाएगी।