संत सियाराम बाबा का अंतिम कर्म मां नर्मदा तट पर दोपहर 3:30 बजे तेली भट्यान नर्मदा तट पर होगा। मिली जानकारी के अनुसार, बाबा बीते 15 दिनों से बीमार थे।
संत सियाराम बाबा से जुड़ी खास बातें
दरअसल, संत सियाराम बाबा खरगोन में नर्मदा नदी के किनारे स्थित भट्टयान आश्रम के संत थे और वहीं रहते थे। हालांकि, बाबा की वास्तविक उम्र किसी को नहीं मालूम, लेकिन उनके अनुयायियों की मानें तो बाबा की उम्र लगभग 130 साल थी, जबकि कुछ लोग उनकी उम्र 110 साल बताते हैं। चमत्कार ये है कि इस उम्र में भी संत सियाराम बाबा बिना चश्मे के रोजाना 17 से 18 घंटे रामायण का पाठ करते थे। कहा जाता है कि इतनी उम्र होने के बावजूद वे अपना सारा काम खुद करते थे और अपना खाना भी खुद ही बनाते थे।
माने जाते थे हनुमान जी के बड़े उपासक
संत सियाराम बाबा हनुमान जी के बड़े फरासक माने जाते थे। वे हमेशा रामचरित मानस का पाठ किया करते थे, फिर भले ही भीषण गर्मी हो या कड़ाके की ठंड या फिर भारी बारिश। बाबा वस्त्र के रूप में हमेशा सिर्फ एक लंगोटी पहना करते थे। कहा जाता है कि उन्होंने साधना के माध्यम से अपने शरीर को मौसम के अनुकूल बना लिया था। बाबा के शरीर की बनावट देखकर अंदाजा लगाया जा सकता था कि वे दिव्य पुरुष थे।