आजादी के बाद खंडवा जिले की निमाडख़ेड़ी विस (अब मांधाता) में चयनित विधायक होते थे। 1962 में यहां चयनित विधायक भामगढ़ राजपरिवार के राव भीमसिंह निर्दलीय रहे थे। पहली बार 1967 में हुए आमचुनाव में ब्राह्मण राधाकृष्ण भगत विधायक बने। 1972 में मप्र के मुख्यमंत्री रहे भगवंतराव मंडलोई के परिवार से रघुनाथराव मंडलोई विधायक चुने गए। 1977 में राजपूत समाज के राणा रघुराजसिंह तोमर ने जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़कर जीत दर्ज की। उन्होंने कांग्रेस के तरुण कुमार नागड़ा को हराया था। 1980 के चुनाव में राणा दोबारा भाजपा से जीत दर्ज कर विधायक बने। राजपूत और गुर्जर बाहुल्य इस विधानसभा में 1977 से लेकर 2018 कुल 41 सालों तक राजपूत समाज का ही कब्जा रहा। वर्ष 2018 में पहली बार कांग्रेस ने गुर्जर समाज के नारायण पटेल पर दांव खेला और पटेल जीत दर्ज कराने में सफल रहे। वर्ष 2020 में पटेल ने पाला बदलकर भाजपा ज्वाइन कर ली और उपचुनाव में भाजपा से जीत दर्ज की।
41 साल दो परिवारों का रहा कब्जा
1977 से लेकर वर्ष 2018 तक मांधाता (निमाडख़ेड़ी) विधानसभा में पार्टी कोई भी हो सिर्फ दो ही परिवारों को कब्जा रहा। राणा रघुराजसिंह तोमर वर्ष 1977, 1980, 1990, 1993 में कुल चार बार विधायक रहे। ठाकुर राजनारायण सिंह यहां से वर्ष 1985, 1998, 2003 में कांग्रेस से विधायक रहे। राणा रघुराजसिंह के परिवार से लोकेंद्रसिंह तोमर यहां से 2008, 2013 में दो बार विधायक रहे।
वर्ष – विधायक
1967- राधाकिशन भगत जनसंघ
1972- रघुनाथराव मंडलोई कांग्रेस
1977- राणा रघुराज सिंह तोमर जनता पार्टी
1980- राणा रघुराज सिंह तोमर भाजपा
1985- राजनारायण सिंह कांग्रेस
1990-राणा रघुराज सिंह तोमर भाजपा
1993- राणा रघुराज सिंह तोमर भाजपा
1998- राजनारायण सिंह कांग्रेस
2003- राजनारायण सिंह कांग्रेस
2008- लोकेंद्रसिंह तोमर भाजपा
2013- लोकेंद्रसिंह तोमर भाजपा
2018- नारायण पटेल कांग्रेस
2020- नारायण पटेल भाजपा (उपचुनाव)
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