पूरी कार्रवाई में पुलिस, सीआरपीएफ के जवान समेत 500 कर्मचारियों को लगाया गया है। चार से पांच दिन तक जांच चल सकती है। आयकर की टीम बुधवार सुबह 6 बजे कार्यालय से सीधे भोपाल के कस्तूरबा नगर स्थित कंस्ट्रक्शन कंपनी के संचालक के यहां पहुंची। फिर एक साथ सुबह 6.45 बजे भोपाल, इंदौर और ग्वालियर में कार्रवाई शुरू की।
भोपाल में सिकरवार बंधुओं के यहां भी जांच की है। एमपी नगर, कस्तूरबा नगर, होशंगाबाद रोड, नीलबड़, रातीबड़, मेडोरी और 10 नंबर मार्केट के ठिकानों पर जांच चल रही है।
प्रॉपर्टी में बड़ा निवेश
सूत्रों की मानें तो टीम ने जिन बिल्डरों के यहां दबिश दी है, उन्होंने भोपाल और इसके बाहर प्रॉपर्टी सेक्टर में खासा निवेश किया है। जमीनों के जब्त दस्तावेज से खरीद-बिक्री का खुलासा होगा। इसके मूल्यांकन में अभी वक्त लगेगा।
आइपीएस अफसरों का निवेश !
सूचना है कि आयकर छापे में कुछ ऐसे दस्तावेज बरामद हुए हैं, जिससे प्रदेश के आइपीएस अफसरों के धन के निवेश की जानकारी सामने आ रही है। इन अधिकारियों में कुछ सेवानिवृत्त हो चुके हैं। बिल्डरों की मंत्री से गलबहियां! बिल्डर के यहां से एक मंत्री से नजदीकी के सबूत भी मिले हैं। मंत्री और बिल्डर की दोस्ताना तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर मौजूद हैं। माना जा रहा है कि इस गलबहियां में धन की देवी लक्ष्मी की अहम भूमिका है।
ग्वालियर में तीन बेग दस्तावेज ले गई टीम
सिकरवार का ग्वालियर में भी कारोबार है। उनके कोटावाला मोहल्ला स्थित निवास पर भी टीम पहुंची। पांच एकड़ जमीन खरीदने के दस्तावेज भी मिले हैं। टीम तीन बैग में भरकर दस्तावेज ले गई। कंपनी का खनन और के्रशर का भी काम है। बताते हैं, कारोबारी रात में ही घर आए थे। सुबह आयकर ने दबिश दे दी। आयकर की टीमों ने जिन बैग में दस्तावेज जत किए, उन्हें भी परिवार से जुड़ा एक लड़का ही लेकर गया।