घटनाक्रम के विरोध और कार्रवाई में नाम छोड़े जाने से खफा प्लांट अधिकारी व कर्मचारी टेंट में विरोध के लिए जमा हुए। इसी दौरान एमडी नंदा परियोजना पहुंचे। तभी महिलाएं भी गेट पर पहुंच गईं। मामले में अधिकारी व कर्मचारियों ने रोष जताया। तभी डॉयरेक्टर टेक्नीकल एके टेलर धरना स्थल पर पहुंचे और प्लांटकर्मियों से बात की। उन्होंने समझाइश देते हुए कहा प्लांट में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम कराए जाएंगे। ताकि ऐसी घटना दोबारा न हो सके। दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी। आश्वासन के बाद प्लांटकर्मी काम पर लौटने के लिए सहमत हुए।
…तो दूसरे दिन ही आ जाते हैं एमडी
टेंट में बैठे कर्मचारियों ने कहा प्लांट यदि एक फॉल्ट होता है और यूनिट बंद होती है तो दूसरे दिन ही आ जाते हैं, लेकिन अधिकारियों से मारपीट के पांच दिन बाद एमडी यहां आए। उन्होंने कहा प्लांट में यदि दो मजदूरों में झगड़ा हो तो हम उन्हें छुड़ाने जाएं या फिर साइट छोड़कर भागें। हमें बताया जाए कि आखिर क्या करें, गुस्साए प्लांटकर्मियों के ऐसे सवालों का अफसर जवाब नहीं दे पाए।
छोड़े नामों पर कार्रवाई नहीं तो जाएंगे हाइकोर्ट
एमडी के साथ हुई बैठक में प्लांट अधिकारियों बताया पुलिस को शिकायती आवेदन दिया था, लेकिन पुलिस ने स्वयं विवेचना कर एफआइआर दर्ज कर ली। इसमें मुख्य लोगों के नाम नहीं जोड़े गए। यदि पुलिस ने जांच के दौरान प्रकरण में विधायक पुत्र दीपक पटेल, संदीप जायसवाल और नहारू पटेल का नाम नहीं जोड़ा तो मामले में हाइकोर्ट जाएंगे। कोर्ट की शरण लेकर कार्रवाई कराई जाएगी। इन पर कार्रवाई नहीं होने से कर्मचारियों में रोष है।
एमडी ने यह आश्वासन दिए
– परियोजना में हुई सुरक्षा में चूक की जांच होगी और दोषियों पर कार्रवाई कराई जाएगी। प्लांट में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम कराए जाएंगे।
– सीआइएसएफ तैनात कराने की मांग पर एमडी ने जल्द प्रस्ताव स्वीकृत कराकर बल तैनात कराने का आश्वासन दिया।
– परियोजना सहित आवासीय परिसर कालोनी में जहां सीसीटीवी कैमरे नहीं हैं, उन स्थानों पर लगाए जाएंगे।
– परियोजना में अधिकारियों से हुई मारपीट के मामले में परियोजना का लीगल विभाग की ओर से कार्रवाई की जाएगी।
-मप्र शासन उर्जा के आदेशानुसार विद्युत दुर्घटना में मौत पर चार लाख राशि दी जाती है। यह प्लांट में भी लागू हो। प्लांट में अस्थाई चौकी शुरू, अनुमति बगैर प्रवेश नहीं
घटनाक्रम के बाद परियोजना की सुरक्षा को लेकर अधिकारी गंभीर हुए। मंगलवार को पुलिस ने प्लांट में अस्थाई पुलिस चौकी शुरू की है। इसमें एएसआई सहित चार जवान तैनात रहेंगे। वह एआइएसएफ के साथ समन्वय से काम करेंगे। साथ ही अब परियोजना में बगैर अनुमति के कोई भी प्रवेश नहीं कर सकेगा। यदि किसी को परियोजना में जाना है तो सीई की अनुमति लेना पड़ेगी। उल्लेखनीय है कि 26 सितंबर को परियोजना के फेस-टू के जलाशय में डूबने से ओमप्रकाश की मौत हुई थी। इस दौरान गुस्साई भीड़ ने प्लांट अधिकारियों से मारपीट की थी। मारपीट करने वालों पर कार्रवाई नहीं होने के विरोध में पांच दिनों से प्लांट अधिकारी व कर्मचारी विरोध-प्रदर्शन कर रहे थे।
कार्रवाई नहीं हुई तो करेंगे धरना प्रदर्शन परियोजना में युवक की मौत के मामले में परिजन व अन्य ने मंगलवार को मूंदी थाने में आवेदन दिया। इसमें कहा ओमप्रकाश की मौत के मामले में 24 घंटे में जिम्मेदारों पर कार्रवाई नहीं हुई तो थाने के सामने धरना-प्रदर्शन किया जाएगा। उन्होंने मौत की मजिस्ट्रियल जांच की मांग की है। मामले में प्लांट अफसरों की तरफ से की कार्रवाई में मृतक के परिवार के दो सदस्यों पर प्रकरण दर्ज हुआ है। इससे लोगों में आक्रोश है। मृतक के पिता सुरेश ने कहा एक बेटे की प्लांट में मौत हो गई। वहीं दूसरे पर प्रकरण दर्ज करा दिया गया। इसका विरोध किया जाएगा।
वर्जन
एमडी के साथ बैठक में प्लांट की सुरक्षा में सीआइएसएफ तैनाती सहित अन्य समस्याएं रखी गईं। उन्होंने जल्द सभी समस्याओं को निराकरण कराने का आश्वासन दिया। एफआइआर में छोड़े गए नामों के खिलाफ यदि पुलिस कार्रवाई नहीं करेगी तो हाइकोर्ट जाएंगे। अधिवक्ता से मामले को लेकर बातचीत हो गई है।
वीकेएस परिहार, संयोजक, यूनाइटेड फोरम