बड़वाह। ओंकारेश्वर डेम से लगातार पानी छोडऩे के कारण बड़वाह के निकट नर्मदा का पानी खतरे के निशान (164.500 मीटर) को छूने के करीब हैं। बाढ़ के ये हालत तीन साल बाद फिर से निर्मित हुए है। 2019 में मोटरक्का में नर्मदा खतरे के निशाने से ऊपर पहुंच गई थीं। इस दौरान बाढ़ के पानी में पुल डूब गया था और यह क्षतिग्रस्त हो गया था। हालांकि मंगलवार रात 8 बजे पुल से करीब तीन मीटर नीचे पानी बह रहा था।
वहीं प्रशासन ने ऐहतियातन पुल को बंद कर दिया और वाहनों की आवाजाही रोक दी। एएसपी ग्रामीण जितेंद्र पंवार ने बताया कि सुरक्षा की दृष्टि से पुल पर ट्रैफिक बंद कराया गया है। छोटे वाहनों को एक्वाडक्ट पुल से निकाला जा रहा है। जबकि भारी वाहनों के लिए हाईवे को डायवर्ट किया है। भारी वाहन इंदौर में तेजाजी नगर से एबी रोड होकर खलघाट, कसरावद से खरगोन व्हाया देशगांव की और फिर खंडवा-बुरहानुपर पहुंचेंगे। वहीं खंडवा से जाने वाले वाहनों के लिए देशगांव से भीकनगांव, खरगोन और कसरावद होकर एबी रोड का रूट सुरक्षित रहेगा। नवघाटखेड़ी के समीप सभी प्रमुख घाट डूब गए। वहीं नर्मदा के किनारे बसे गांवों में अलर्ट घोषित किया गया है। प्रशासन द्वारा 31 अगस्त तक नर्मदा में नौका विहार, स्नान और मछली पकडऩे पर प्रतिबंध लगा दिया है।
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इंदौर से आए 30 लोग बाढ़ में फंसे
नावघाटखेड़ी में शाम के समय इंदौर से आए 30 लोग सांई मंदिर के समीप पानी के बीच फंस गए थे। ये लोग यज्ञोपवित कार्यक्रम के लिए घाट पर पहुंचे थे। इसी दौरान पानी बढ़ गया। सभी लोग पानी के बीच फंस गए थे। जिन्हें स्थानीय नाविकों की मदद से नाव में बैठाकर सुरक्षित स्थान तक लाया गया।
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