अमरकंटक से 150 किलोमीटर की पदयात्रा कर जल लेकर भोरमदेव मंदिर पहुंचे कांवरियों को काफी निराशा हुई। भगवान भोलेनाथ पर जल चढ़ाने के लिए उन्हें एक से डेढ़ घंटे इंतजार करना, क्योंकि पंडरिया विधायक ममता चंद्राकर पूजा करने पहुंची थी, इसलिए कांवरियों के साथ अन्य श्रद्धालुओं के मंदिर प्रवेश करने से रोक दिया गया। पहली प्राथमिकता कांवरियों को दी जाती है क्योंकि वह लंबी दूरी तक की पदयात्रा कर पहुंचते हैं। लेकिन यहां पर तो वीआईपी (VIP) की मनमानी चलती है। सुबह 6.30 बजे से एक घंटे तक विधायक (MLA) पूजा करती रहीं।
सावन के द्वितीय सोमवार को भोरमदेव मंदिर में कांवरियों की कतार सुबह 4.30 बजे से लग चुकी थी। बड़ी संख्या में कांवरिए अमरकंटक के नर्मदा से जलकर पहुंचे थे। इसमें कबीरधाम जिले के अलावा अन्य जिले के कांवरिए भी मौजूद थे। कांवरियों के लिए अलावा अन्य श्रद्धालु भी बड़ी संख्या में मौजूद रहे।