CG News: उच्च शिक्षा विभाग जांच कराने में नहीं दे रहा साथ
इसके बाद उच्च शिक्षा संचालनालय की टीम जांच के लिए पहुंची। प्रारंभिक जांच में 62 लाख 41 हजार रुपए से अधिक राशि के गबन की बात सामने आयी। इसके बाद सहायक ग्रेड-2 प्रमोद वर्मा लेखा प्रभारी (अकाउंटेंट) को
निलंबित किया गया, लेकिन इसके बाद इस मामला ठंडा बस्ते में जा चुका है। ऐसा लगता है मामले में हस्तक्षेप किया जा रहा है। जबकि मामले की पूर्ण जांच होनी चाहिए। क्योंकि 62 लाख रुपए के गबन की बात सामने वह केवल एक वर्ष की जांच में पाया गया, जबकि शिकायत में वर्ष 2022 से 2024 तक की जांच की मांग की गई है।
इस पर उच्च शिक्षा विभाग की ओर से कोई रुचि नहीं ली जा रही है। जिले के एक मात्र पीजी कॉलेज में 62 लाख रुपए से अधिक राशि का गबन हुआ। मामले में प्रभारी प्राचार्य और सहायक ग्रेड 2 कर्मचारी को निलंबित किया। लेकिन इसके बाद मामला ठंडे बस्ते में जा चुका है। उच्च शिक्षा विभाग द्वारा इसमें जांच आगे नहीं बढ़ाई जा रही है। वहीं कोतवाली में एफआईआर दर्ज हुआ है उसमें भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।
विद्यार्थियों के शुल्क का हिसाब नहीं
आचार्य पंथश्री गधमुनि नाम साहेब शासकीय स्नात्कोत्तर महाविद्यालय (पीजी कॉलेज) से जो राशि गबन हो चुकी है वह विद्यार्थियों की राशि है जो प्रवेश शुल्क रुप में जमा किया जाता है। शिक्षा सत्र 2021-22 में महाविद्यालय में 4762 छात्र छात्रओं ने प्रवेश लिया था। कोरोना के कारण प्रायवेट परीक्षार्थी नहीं थे। शिक्षा सत्र 2022-23 में 5154 छात्र छात्रओं ने महाविद्यालय में प्रवेश लिया और उक्त सत्र में 4590 छात्र छात्राओं ने प्रायवेट परीक्षा दी थी। शिक्षा सत्र 2023-24 में 4452 छात्र छात्रओं ने प्रवेश लिया था और 3898 छात्र प्रायवेट परीक्षा में शामिल हुए थे। शिक्षा सत्र 2024-25 में 4162 छात्रों ने प्रवेश लिया था और वर्तमान में प्रायवेट छात्रों का फॉर्म भरा गया। इस प्रकार उक्त अवधि में 27751 छात्रों से प्रति छात्र 300 रुपए के हिसाब से कुल 83 लाख 25 हजार 300 रुपए जनभागीदारी समिति मद में प्राप्त हुआ है। 54 लाख 2771 रुपए बैंक खाता में जमा हुआ है, जबकि 28 लाख 32 हजार 407 रुपए राशि खाते में जमा नहीं हुआ।
प्राथमिक जांच में खुलासा
अपर संचालक क्षेत्रीय कार्यालय उच्च शिक्षा दुर्ग का जांच प्रतिवेदन पत्र के प्राथमिक जांच में पाया गया कि सहायक ग्रेड-2 प्रमोद वर्मा द्वारा जनभागीदारी, पीडी, एएफ, स्ववित्तीय एव के डिपाजिट की कुल राशि लगभग 62 लाख 41 हजार 554 रुपए का आहरण किया। गबन करने में तत्कालीन प्राचार्य डॉ.बीएस चौहान महाविद्यालय के साथ सहभागिता रही है। वर्मा द्वारा इन खातों का संधारण भी नहीं किया गया है। यह गंभीर वित्तीय अनियमितता है। प्रमोद वर्मा का मुख्यालय शासकीय जेएलएन स्नातकोत्तर महाविद्यालय बेमेतरा निर्धारित किया गया।
कॉलेज के खाते में केवल 400 रुपए
आज की स्थिति में कॉलेज के जनभागीदारी समिति के खाते में केवल 400 रुपए जमा है। 70 लाख रुपए का कोई हिसाब ही नहीं है कि यह रुपए कहां गए। चूंकि वित्तीय कार्य प्राचार्य के हस्ताक्षर के बिना नहीं हो सकते, इसलिए इसमें प्राचार्य को ही जिम्मेदार ठहराया गया। आशंका तो यह भी कि इस पूरे घोटाले की जानकारी पूर्व जनभागीदारी समिति के कुछ प्रमुख पदाधिकारियों को थी। यह भी हो सकता है पदाधिकारी भी उसमें शामिल रहे हों। बिना वेतन करा रहे अध्यापन कार्य
चूंकि अब
पीजी कॉलेज के पास किसी तरह से फंड नहीं है न ही जनभागीदारी के खाते में रुपए तो कुछ अतिथि प्राध्यापकों द्वारा अभी बिना वेतन के ही विद्यार्थियों को शिक्षा दे रहे हैं। उनका कहना है कि विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित न हो इसके लिए वह फिलहाल बिना वेतन ही अध्यापन कार्य कराएंगे। कॉलेज समिति के पास जब फंड आ जाएगा तो उनका वेतन देंगे। इस बात को अतिथि प्राध्यापकों ने लिखित में दिया है, ताकि बाद किसी तरह की समस्या न हो।
तो फिर होगा आंदोलन और प्रदर्शन
इस मामले में यदि कार्रवाई नहीं होती अभाविप और एनएसयूआई द्वारा फिर से आंदोलन की जाएगी। पूर्व में चेतावनी दी जा चुकी है यदि इसमें जांच व कार्रवाई होती वह सड़क तक की लड़ाई लड़ने के मजबूर होंगे।
एफआईआर दर्ज, जांच तक नहीं
CG News: वहीं जनभागीदारी अध्यक्ष की ओर से मामले में एफआईआर के लिए भी आवेदन किया गया। 30 नवंबर 2024 को आचार्य पंथ श्री गृन्धमुनी नाम साहब शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय कवर्धा के लेखा प्रभारी प्रमोद वर्मा के खिलाफ धारा 316(5)बीएनएस के तहत मामला दर्ज किया गया। मामले को डेढ़ माह बीत चुका है लेकिन कोतवाली पुलिस की ओर इसमें किसी तरह की जांच नहीं की जा रही है।