स्लीमनाबाद में टनल खुदाई के दौरान शनिवार शाम हादसे के फौरन बाद बचाव कार्य प्रारंभ हुआ और नर्मदा विकास प्राधिकरण व ठेकाकंपनी कर्मचारियों की मदद से 3 श्रमिकों को निकाला गया। इसके फौरन बाद अंदर फंसे 6 श्रमिकों की निकालने के प्रयास में सबसे पहले कटनी से स्टेट डिजास्टर्स रिस्पांस फोर्स (एसडीआरएफ) की टीम पहुंची।
एसीडीआरएफ को बचाव कार्य में परेशानी के बाद जबलपुर से नेशनल डिजास्टर्स रिस्पांस फोर्स (एनडीआएफ) की टीम बुलवाई गई। इस बीच रात में ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हादसे की जानकारी ली और सीएम के निर्देश पर भोपाल से एनडीआरएफ की टीम रवाना हुई जो 13 फरवरी की सुबह स्लीमनबाद पहुंची।
स्लीमनाबाद में टनल के अंदर से नहर निर्माण के लिए सलैयाफाटक और खिरहनी की ओर से टनल खुदाई प्रगति पर है। खिरहनी की ओर से खुदाई में टनल बोरिंग मशीन (टीवीएम) का कटर बदलने व दूसरे मरम्मत कार्य मार्च में प्रस्तावित है। इसके लिए वर्तमान खुदाई से कुछ मीटर आगे 80 फिट गहरा गड्ढा खोदा जा रहा था। यहां टीवीएम के पहुंचने पर सुधार कार्य होता। तभी शनिवार देरशाम लगभग 25 फिट गड्ढा खुदाई के बाद यह हादसा हो गया। कुआंनुमा गड्ढा खुदाई में उसे मजबूती प्रदान करने के लिए सीमेंट कांक्रीट की दीवार खड़ी की जा रही थी। काम के दौरान नीचे पानी का बड़ा स्रोत मिलने के बाद कांक्रीट ढलाई में दिक्कतें आ रही थी। और बेस कमजोर होने के बाद उपर से कांक्रीट की पूरी दीवार धंस गई। जिसमें मजदूर फंस गए।
एसडीआरएफ के डिवीजनल कमांडेंड आशीष खरे ने बताया कि मलबे में फंसे मजदूरों को देखने डॉक्टरों की टीम नीचे गई थी। उसी समय एक मजदूर की मौत हो गई थी। दोनों मजदूरों का शव रात में बाहर निकाला जा सका।
29 घंटे चला राहत व बचाव कार्य, मलबे से निकली 7 जिंदगी, 2 मजदूर हार गए जिंदगी की जंग
– 7.45 बजे शाम दीपक, नर्मदा व मोनीदास कोल बाहर निकले.
– 2.25 बजे रात इंद्रमणि कोल को निकाला गया.
– 3.30 बजे विजय कोल बाहर आए.
– 9.30 बजे सुबह मोतीलाल कोल को निकाला गया.
– 11.00 बजे नंदकुमार यादव को टीम ने बाहर निकाला.
– 12 बजे रात के बाद रवि और गोरेलाल का शव बाहर निकाला गया.