पर्यावरण संरक्षण: सौर ऊर्जा के उपयोग से प्रदूषण में कमी आएगी, यह ऊर्जा उत्पादन का स्वच्छ स्रोत है, जिससे कार्बन उत्सर्जन नहीं होता।
लंबी अवधि में लागत बचत: एक बार सौर ऊर्जा पैनल लगाने के बाद लंबे समय तक मुफ्त बिजली मिलती है, पारंपरिक ऊर्जा स्रोत की तुलना में रखरखाव खर्च कम होता है।
स्मार्ट गांव का निर्माण: आदर्श सौर ग्राम बनने से ग्रामीण क्षेत्रों में स्मार्ट तकनीक का प्रवेश होगा, बिजली की उपलब्धता से ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार होगा।
ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा: इस योजना से नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का उपयोग बढ़ेगा, ग्रीन एनर्जी से ऊर्जा आत्मनिर्भरता को प्रोत्साहन मिलेगा।
शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार: सरकारी भवनों और स्कूलों में सौर ऊर्जा के उपयोग से बिजली की निर्बाध आपूर्ति होगी, ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सा उपकरण सुचारू रूप से चल सकेंगे।
इस योजना के अंतर्गत बनने वाला आदर्श सौर ग्राम अन्य गांवों के लिए एक मॉडल बनेगा। ग्रीन एनर्जी से न केवल बिजली की जरूरतें पूरी होंगी, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में पर्यावरण संरक्षण और आर्थिक सुधार का नया रास्ता खुलेगा। यह योजना पूरे जिले में सौर ऊर्जा की क्षमताओं को उजागर करने में मदद करेगी और क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाएगी।
- जिन घरों में छत है वहां पर लगेंगे सौर ऊर्जा के पैनल
- शासन द्वारा नियुक्त एजेंसी के माध्यम से कराया जाएगा काम
- जनवरी माह में गांव व भवन चयन के लिए होना है बैठक
- सभी शासकीय भवनों में लगाया जाना है सौर ऊर्जा सिस्टम
- सरकारी भवनों का बिजली कंपनी द्वारा कराया जा चुका है सर्वे
- सोलर पैनल लगाने पर आधी से कम बिजली की होगी खपत
- सोलर पैनल से ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा के साथ प्रदूषण होगा कम
इस योजना के लिए शहरी क्षेत्र सहित जिले के भवनों को सौर ऊर्जा से रोशन किया जाना है। इस योजना के लिए अबतक बिजली कंपनी ने 165 भवन चिन्हित किए हैं, जिनमें सर्वे की प्रक्रिया पूरी कराई गई है। शीघ्र ही इन शासकीय भवनों में ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए कवायद शुरू होगी।
यह रखी गई है क्षमता
जानकारी के अनुसार शासकीय भवनों में 5 किलोवाट से लेकर 10 किलोवाट क्षमता के ऊपर का सोलर पैनल लगेगा, ताकि कार्यालय में खपत होने वाली बिजली की पर्याप्त उपलब्धता हो सके। इसके अलावा व्यक्तिगत घरों में 2 किलोवाट व उससे अधिक के पैनल लगेंगे। लोगों की डिमांड के अनुसार कंपनी घरों में पैनल लगाकर बिजली पहुंचाने का काम करेगी।
जिले के लिए खास बात यह है कि अबतक बड़ी संख्या में लोगों ने घरों ें सौर ऊर्जा से बिजली तैयार करने का काम किया है। जिले में अभी तक 558 व्यक्तिगत कनेक्शन हो चुके हैं। लोगों के घरों में सौर ऊर्जा से रोशन हो रही है। इससे न सिर्फ उन्हें हर समय बिजली मिल रही है बल्कि बिजली बिल के भार में भी कमी आई है।
- 3 लाख 9 हजार हैं जिले में उपभोक्ता।
- 56 हजार हैं जिले में पंप उपभोक्ता।
- 20 करोड़ 50 लाख यूनिट की है जिले में डिमांड।
- 9 करोड़ 50 लाख यूनिट मिल रही है बिजली।
- 60 प्रतिशत उपभोक्ता से कंपनी द्वारा ली जाएगी राशि।
- 40 प्रतिशत सब्सिडी मिलेगी सौर ऊर्जा सिस्टम लगाने पर।
प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत 165 सरकारी भवनों में सौर ऊर्जा सिस्टम लगाया जाना है, जिनका सर्वे हो चुका है। इसके अलावा एक आदर्श सौर ग्राम विलेज बनाया जाना है। पांच गावों में से एक का चयन होना है। जनवरी माह में बैठक कर गांव चयनित किया जाएगा। सौर ऊर्जा सिस्टम से प्रदूषण मुक्त बिजली मिलेगी व ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा मिलेगा।
श्रीराम पांडेय, अधीक्षण यंत्री बिजली विभाग।