30 लाख आबादी को फायदा
जानकारी के लिए बता दें कि इस रेल लाइन के बनने से 1 हजार गांव और 30 लाख आबादी को फायदा पहुंचाने वाली है। बीते दिनों पहले जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया चालू हो चुकी है। किसनों को मुआवजा देने का काम भी शुरु किया जा चुका है। करीब 309 किमी. लंबी इंदौर-मनमाड़ नई रेल लाइन के बनने से कनेक्टिविटी में सुधार होगा बल्कि आदिवासी समुदायों के जीवन पर भी इसका परिवर्तनकारी प्रभाव पड़ेगा।
चार ज्योतिर्लिंग से जुड़ेगा
इंदौर-मनमाड़ रेल लाइन को मुख्यमंत्री ने उज्जैन में महाकाल से नासिक के त्र्यंबकेश्वर से जोड़ा। बोले, यह रेल परियोजना चार ज्योतिर्लिंगों को जोड़ने का काम करेगी। इनमें ओंकारेश्वर व घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग भी हैं। उन्होंने रेल मंत्री वैष्णव से वर्ष 2028 में होने वाले सिंहस्थ से पहले इंदौर-मनमाड़ ट्रैक की सौगात देने की मांग की। ये भी पढ़ें: एमपी में बनेगा नया ‘कॉरिडोर’, ली जाएगी 17 गांवों की जमीन बनेंगे 17 नए स्टेशन
कैलोद, कमदपुर, झाड़ी बरोदा, सराय तालाब, नीमगढ़, चिक्तयाबड़, ग्यासपुरखेड़ी, कोठड़ा, जरवाह, अजंदी, बघाड़ी, कुसमारी, जुलवानिया, सली कलां, वनिहार, बवादड़ और मालवा।
महाराष्ट्र में ये बनेंगे स्टेशन
सांगवी, लोकी, शिरपुर, दभाक्षी, कस्बे ललिंग्नान, पूरमपेड़ा, झांझ, छीकाहोल, मालेगांव, यसगांव बीके, मेहुन, चोंधी व खटगांव में नए स्टेशन बनेंगे तो मनमाड़, न्यू धुले और नरदाना पहले से हैं।
ये खास बातें…
— यह रेल लाइन 309 किलोमीटर लंबी है। — इस रेल लाइन से इंदौर और मुंबई की दूरी 568 किलोमीटर रह जाएगी। — इस रेल लाइन से करीब 1,000 गांवों और 30 लाख आबादी को रेल सेवाओं से जोड़ा जाएगा। — मप्र के तीन जिलों के 77 गांवों से होकर रेल लाइन गुजरेगी। — बड़वानी जिले के 39, धार जिले के 28 और खरगोन जिले के 10 गांवों में रेल लाइन बिछाई जाएगी।
— इस रेल लाइन से पीथमपुर के औद्योगिक क्षेत्र को गति मिलेगी। — इस रेल लाइन परियोजना के लिए कुल 18,036 करोड़ रुपये खर्च होंगे। — इस परियोजना को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार ने 2029 की डेडलाइन तय की है।
— इस परियोजना के तहत 30 नए स्टेशन बनाए जाएंगे।