ट्रेनों में घटा दिया कोटा, शहर के यात्रियों की बढ़ गई परेशानी
साधारण कोटा बढ़ाए जाने व यात्रियों को करेंट चार्ट का लाभ दिलाने उठी मांग
शहर व जिले के यात्रियों के साथ रेलवे द्वारा कई तरह का छलावा किया जा रहा है। कई ट्रेनें ऐसी हैं जो कटनी में रुकने के बाद भी कॉमर्शियल स्टॉपेज न होने के कारण यात्री परेशान होते हैं। इसके अलावा ट्रेनों में कोटा का लाभ नहीं मिल पा रहा है। इसके लिए रेलवे सलाहकार समिति के सदस्य कमल मोहनानी ने यात्रियों के हित में आवाज उठाई है। रेल अधिकारियों को पत्र लिखकर इन विषयों पर शीघ्र विचार करने मांग की है। जीएम, डीआरएम को सौंपे पत्र में कहा है कि कटनी जंक्शन, मुड़वारा स्टेशन व साउथ कटनी स्टेशन से महत्वपूर्ण गाडिय़ां गुजरती हैं, लेकिन इन गाडिय़ों में साधारण बर्थ कोटा नहीं दिया गया है। जिससे यात्रियों को अपेक्षित सीटें नहीं मिल पातीं। काफी महत्वपूर्ण गाडिय़ां जिनके चार्ट पूर्व स्टेशनों से 24 घंटे पहले, 18 घंटे पहले, 10 घंटे पहले बना दिया जाता है। जिससे शहर वासियों को करेंट चार्ट का लाभ नहीं मिल पाता है। राजस्व में भारी नुकसान रेलवे को होता है। उपरोक्त गाडिय़ों में साधारण कोटा बढाए जाने की मांग की है, ताकि यात्रियों को लाभ मिल सके। कमल मोहनानी ने गाड़ी क्रमांक 18234 बिलासपुर-इंदौर नर्मदा एक्सप्रेस कम पैसेंजर इस गाड़ी में सभी क्लास में साधारण कोटा, निजामुद्दीन-दुर्ग, दुर्ग-निजामुद्दीन, ट्रेन क्रमांक 18508 हीराकुंड एक्सप्रेस अमृतसर विशाखापत्तनम पर एसी टू में 2 बर्थ, एसी 3 में 3 बर्थ, स्लीपर में 8 बर्थ का कोटा वर्तमान में आवंटित है। जो कि कटनी जंक्शन के हिसाब से काफी कम है। इस गाड़ी में अधिकतम सभी क्लासों में नो रूम लगातार रहता है। इस गाड़ी में एसी 2 में 10 बर्थ तथा एसी 3 में 20 बर्थ तथा स्लीपर में 72 बर्थ का कोटा दिया जाए अमृतसर जाने मांग की गई है। गाड़ी नंबर 18215 जम्मूतवी विकली एक्सप्रेस इस गाड़ी का चार्ट 10 घंटे पहले बन जाता है। अमृतसर, व्यास, वैष्णो देवी जाने के लिए महत्वपूर्ण गाड़ी है। साधारण बर्थ कोटा बढ़ाए जाने मांग उठाई है।
इनका कहना है
जबलपुर स्टेशन और यार्ड रिमॉडलिंग वर्क के कारण यह निर्णय लिया गया है। जैसे ही एनआए वर्क पूरा होगा परिचालन यथावत हो जाएगा। कुछ गाडिय़ां जबलपुर से न आकर बीना होते हुए इटारसी पहुंचेंगी। वहीं कटनी के यात्रियों की कोटा संबंधी समस्या पर अधिकारियों से चर्चा की जाएगी।
प्रियंका दीक्षित, सीपीआरओ।