इस अभियान का शुीाारंभ भारत सरकार जनजातीय कार्य मंत्रालय के निर्देश पर 51 जिलों में शुरू किया जा रहा है, जिसमें कटनी भी शामिल है। अनुसूचित जनजाति वर्ग के जीवन स्तर को सुधारने के लिए एवं उनके समग्र विकास के लिए संचालित किया जा रहा है। अभियान के अंतर्गत इन गांवों में कई बुनियादी ढांचों का विकास किया जाएगा। घरेलू एवं सामुदायिक बुनियादी संरचनाओं में गरीब परिवारों को आवास उपलब्ध कराए जाएंगे, आवागमन की सुविधा में सुधार कर गांवों को शहरों से जोड़ा जाएगा, पीने के पानी की सुविधा बेहतर की जाएगी। रोजगार बढ़ाने और स्थानीय उत्पादों का विपणन बढ़ाने के लिए होमस्टे और विपणन केंद्र बनाए जाएंगे। भोजन पकाने के लिए गैस की सुविधा दी जाएगी।
स्वास्थ्य सुविधा होगी बेहतर
स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच में सुधार के लिए मोबाइल मेडिकल यूनिट और सिकल सेल बीमारी के लिए केंद्र स्थापित किए जाएंगे। आंगनवाड़ी, पोषण वाटिका, आयुष्मान कार्ड तैयार होंगे। बच्चों की शिक्षा और रहन-सहन के लिए छात्रावास और आश्रम का निर्माण किया जाएगा। सौर ऊर्जा से बिजली की जरूरत पूरी करने के लिए ग्रिड सोलर कनेक्शन लगाया जाएगा। संस्थानों की छत पर सोल सिस्टम लगाया जाएगा।
आदिवासियों को आर्थिक सशक्त करने के लिए व्यक्तिगत एवं सामुदायिक वनाधिकार दिए जाएंगे। जीवकोपार्जन के लिए मत्स्य पालन एवं कृषि क्षेत्र में सहयोग किया जाएगा। 4जी मोबाइल कनेक्टिविटी, डिजीटल इनीशिएटिबस सुविधा दी जाएगी। इस योजना के अंतर्गत गांवों में शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और बुनियादी सुविधाओं को मजबूत किया जाएगा, ताकि आदिवासी समाज की सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार हो।
यह होंने हैं पूरे प्रदेश में काम
जानकारी के अनुसार इस योजना के तहत 20 लाख मकान, 25 हजार किमी रोड, हर गांवा में पेयजल, 2.35 लाख घरों में बिजली, 25 लाख उज्जवला योजना के कनेक्शन, 8 हजार आंगनवाड़ी केंद्र, एक हजार हॉस्टल, 700 पोषण वाटिका, 5 हजार गांव में 4जी नेटवर्क, 2 लाख पट्टा, 10 हजार को मत्स्य पालन, 8500 लोगों को व्यक्तिगत व समूह में लाभ, एक हजार होम स्टे होटलनुमा बनाने सहित अन्य निर्माण कार्य होंगे।
इस योजना के क्रियान्वयन को लेकर व्यापक पैमाने पर जिले में तैयारी चल रही है। वंदना वैद्य संचालक जनजातीय क्षेत्रीय विकास योजनाएं भोपाल के निर्देश पर 199 गांवों में विकास का खाका तैयार किया जा रहा है। 15 नवंबर को विशेष आयोजन ऑडिटोरियम में होगा। इस योजना में शत-प्रतिशत कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं। कई विभाग मिलकर कार्य करेंगे। इस योजना के लिए नोडल आदिम जाति कल्याण विभाग को बनाया गया है।
धरती आभा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान में जिले के 199 गांवों का चयन किया गया है। इस योजना के तहत 50 फीसदी अधिक आदिवासी आबादी वाले गांवों में शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार सहित मूलभूत सुविधाओं के क्षेत्र में काम होंगे। यह पहल आदिवासियों को सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक सशक्त करने के लिए पहल की जा रही है। इसमें शत-प्रतिशत काम किया जाना है।
पूजा द्विवेदी, जिला संयोजक आदिम जाति कल्याण विभाग।