यह है मामला- 17 मार्च2019 को अभियोक्त्री अबोध बालिका अपनी सहेली के साथ अपने गांव के मंदिर में प्रसाद लेने गई थी, जहां मंदिर में पुराण का कार्यक्रम था। बालिका जब प्रसाद लेकर अपने घर लौट रही थी। तब दोपहर करीब 12.30 बजे सूनसान का फायदा उठाकर आरोपी संदीप राय अभियोक्त्री को 50 रुपए का नोट दिखाकर अपने साथ चलने के लिये कहा, अभियोक्त्री के मना करने पर उसे जबरदस्ती गोद में उठाकर पास ही के कुठरिया (कच्चा घर) में ले गया और उसके साथ दुषकर्म किया। अभियोक्त्री के चिल्लाने पर अपने हाथ से उसका मुंह दबा दिया। गांव के व्यक्ति के आने पर आरोपी भाग गया। घटना की जानकारी अभियोक्त्री के भाई को लगने पर उसने अपने घर जाकर उक्त घटना की जानकारी अपनी मां को बताया। अभियोक्त्री काफी डरी हुई थी और घटना की रिपोर्ट थाना ढीमरखेड़ा में आरोपी के विरूद्ध उसी दिन दर्ज करायी गयी। रिपोर्ट पर से थाना ढीमरखेड़ा के अपराध क्रमांक 88/2019 धारा 363,376(3) भादवि एवं धारा 3/4 पॉक्सो का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया, विवेचना उपरांत अभियोग पत्र पेश किया गया। प्रकरण में साक्षियों के कथन एवं वैज्ञानिक सबूत के आधार पर विचारण न्यायालय द्वारा आरोपी को अबोध बालिका को वैध पूर्ण संरक्षण से हटा कर व्यूपहरण करने एवं अबोध बालिका के साथ दुष्कर्म करने का अपराध प्रमाणित पाया तथा ऐसे जघन्य अपराध के विरूद्ध समाज में उदाहरण प्रस्तुत करने और बालिकाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने विषयक अभियोजन के तर्क से सहमति जताते हुए आरोपी को 20 वर्ष के कठोर कारावास एवं जुर्माना से दण्डित किया गया।