ऐसे दिया था वारदात को अंजाम
एसपी रंजन ने बताया कि अंशू जब ओमप्रकाश की दुकान में कोल्ड्रिंक्स लेने गया तो दुकानदार ने अंशु को दुकान के अंदर बुलाया। दुकान के अंदर पहले उसने अंशु को मुक्कों से मारा उसके बाद अपने गले में डाले गमछे से अंशु के गले में लपेटकर गला घोट दिया। जब अंशू जमीन पर गिर गया तो वहीं पर रखे साइकिल में हवा भरने वाले पंप के हैंडल से बच्चे के सिर और माथे में तीन-चार वार किया। जिसके बाद अंशू की मौत हो गई। दुकानदार ने दुकान में रखी पॉलीथिन में भरकर गठान लगा दिया और शाम को दुकान बंद करने के बाद अंशु के शव को दो-तीन बोरी के अंदर पैक करके घर हर्रैया जाते समय रास्ते में फेंक दिया।
मामूली बात बनी हत्या की वजह
पुलिस ने बताया कि किराना कारोबारी की गांव में किसी महिला से दो साल पहले प्रेम-प्रसंग चलता था, जिसे बच्चे की मां ने देख लिया था। इसी बात को लेकर ओमप्रकाश रंजिश रखने लगा। कुछ दिनों से दोनों के बीच विवाद भी बढ़ गया था। महिला से रंजिश भुनाने के लिए उसने उसके बेटे की निर्मम तरीके से हत्या कर दी। जब पुलिस ने आरोपी से पूछा कि आखिर इतने मासूम बच्चे को क्यों मारा तो वह बोला उसे कोई पछतावा नहीं है, सिर्फ हंस रहा था। हत्या के खुलासे में एएसपी डॉ. संतोष डेहरिया, एसडीओपी विजयराघवगढ़ केपी सिंह, थाना प्रभारी रितेश शर्मा, उप निरीक्षक योगेश मिश्रा, सहायक उप निरीक्षक जय सिंह ठाकुर आदि की भूमिका रही।