बोर्ड द्वारा पुन: जांच कराना भी सवालों में
20 सितंबर 19 को अपर संचालक मप्र राज्य कृषि विपणन बोर्ड भोपाल ने मंडी सचिव को पत्र जारी किया कि फर्म मेसर्स फेयर फूड ओवरसीज प्रालि के मंडी टैक्स चोरी और निराश्रित शुल्क न जमा करने व वसूली के मामले में पुर्नपरीक्षण वरिष्ठ अधिकारियों के जांच दल द्वारा किया जाकर अंतिम निष्कर्ष प्राप्त किया जाना विधिसंगत से अवगत कराया गया है। उपसंचालक (वित्त) मंडी बोर्ड की जांच पर पुन: परीक्षण की आवश्यकता नहीं है। इस पर शीघ्र वसूली और कार्रवाई के लिए कहा गया, लेकिन दिसंबर 19 माह में फिर अपर संचालक मप्र राज्य कृषि विपणन बोर्ड भोपाल ने फिर मंडी सचिव को पत्र लिखकर कहा कि कृषि उपज मंडी समिति कटनी की फर्म मेसर्स फेयर फूड ओवरसीज प्रालि 24 दिसंबर 19 को कार्यालय में उपस्थित होकर उनके द्वारा अवगत कराए गए दस्तावेज अनुसार 2012-13 से 2014-15 तक की वसूली योग्य राशि 35 लाख 93 हजार 719 रुपये मंडी शुल्क एवं 5 लाख 54 हजार 275 रुपये निराश्रित शुल्क भी नहीं जमा किया गया। इसका पुन: परीक्षण कराने के निर्देश दे दिए और संबंधित फर्म का पक्ष लेने और दस्तावेज जमा कराने भी कहा गया। ऐसे में अफसरों के इस तरह के आदेश से भी सवाल खड़े हो रहे हैं।
खास-खास:
– जनवरी 2020 से लगभग 5 माह का समय बीतने को है, मंडी सचिव ने अबतक बोर्ड नहीं भेजा जांच प्रतिवेदन।
– उपसंचालक ने मंडी सचिव को फर्म से राशि 3 दिन में जमा कराने न करने पर क्रय विक्रय प्रतिबंधित करने व अनुज्ञप्ति निलंबित करने के दिए थे निर्देश।
– वसूली और कार्रवाई का प्रतिवेदन मंडी सचिव को 7 दिवस में करना था पूरा, पांच माह में नहीं हुई कोई कार्रवाई।
– मंडी में कैसे हो रहा यह फर्जीवाड़ा इस पर नहीं अफसरों की नजर, लगातार सामने आ रहे मंडी टैक्स चोरी के मामले।
– मंडी सूत्रों का कहना है कि बोर्ड के अफसर पहले जांच में गबड़बड़ी और फिर दोबारा जांच के नाम पर मामले को जुटे रफा-दफा करने में।
इनका कहना है
मंडी बोर्ड की जांच में फर्म मेसर्स फेयर फूड ओवरसीज प्रालि के यहां साधारण धान के स्थान पर बासमती धान बताकर क्रय किया जाना पाया गया था। इसमें जांच के बाद जनवरी में फिर जांच के लिए कहा गया था। भोपाल के अफसरों ने ऐसा क्यों किया इसमें मैं कुछ नहीं कहूंगा। फर्म संचालक से पक्ष मांग लिया गया है। अभी तीन माह से लॉकडाउन के चलते जवाब नहीं भेजा गया, एक-दो दिन में जवाब भेजेंगे।
पीयूष शर्मा, मंडी सचिव।