हो गया बड़ा खेल: बायोमैट्रिक मशीन के पंचिंग स्केनर में स्क्रैच, हाजरी लगना बंद!
यह भी जानना भी जरूरी
- तीसरी लाइन प्रोजेक्ट से कटनी-बीना रेलवे रूट के एक दर्जन से अधिक रेलवे स्टेशन नए सिरे से बनाए गए।
- इस परियोजना के तहत मझगवां फाटक स्टेशन का नवनिर्माण किया गया है।
- 12 बड़े, 26 मध्यम और 278 छोटे पुल बनाए जाना हैं, जिनमें से अधिकांश का निर्माण पूरा।
- करीब 3 हजार करोड़ के इस प्रोजेक्ट में 263 किमी लंबी तीसरी लाइन का काम होना है।
- तीसरी रेलवे लाइन से कटनी-बीना रूट के 32 रेलवे स्टेशन कनेक्ट होंगे।
- कटनी-बीना रेलवे ट्रेक के सभी 32 रेलवे स्टेशन के एनआई होंगे ऑटोमेटिक, मेन्युअल सिस्टम होगा बंद।
कटनी से घटेरा तक तीसरी लाइन मालगाडिय़ों के लिए इसी साल शुरू कर दी गई थी। इसके बाद बांदकपुर से दमोह भी शुरू हुई, लेकिन अब भी घटेरा से बांदकपुर के बीच का करीब 15 किमी का काम होना शेष है। इसी तरह दमोह से गिरवर तक काम जोरों से चल रहा हैं। इसके आगे बीना तक काम पूरा होना बताया जाता है।
यह हो रही समस्या, ट्रेनों की थम रही रफ्तार
कटनी-बीना रेलवे लाइन पर रोजाना 70 से अधिक यात्री ट्रेनें और करीब 100 मालगाडिय़ांं रोजाना आवागमन करती हैं। ऐेसे में दोहरी लाइन पर ट्रैफिक अधिक होने से ट्रेनों को घंटों यहां-वहां खड़े रखना होता है। रोजाना कटनी, दमोह, सागर, बीना स्टेशन से 25 हजार से अधिक यात्री यात्रा करते हैं। ऐसे में इन्हें परेशान होना पड़ रहा है। कटनी-बीना रूट पर ट्रेन के आते ही उसकी रफ्तार धीमी हो जाती है। कटनी से दमोह का 130 किमी. का सफर दो से तीन घंटे में पूरा हो रहा है। तीसरी लाइन का काम शुरू होने के बाद से कभी भी कोई भी पैसेंजर ट्रेन कटनी से बीना के बीच समय से नहीं पहुंची।
रेलवे प्रशासन द्वारा अधोसंरचना विकास कार्य के लिए पश्चिम मध्य रेलवे के जबलपुर मंडल अंतर्गत चल रहे थर्ड लाइन के कार्य में लगातार ट्रेनों के निरस्त किए जाने से यात्रियों की मुसीबत बढ़ती जा रही है। हाल ही में रेलवे ने कटनी-बिलासपुर रेलखंड में बड़ी संख्या में ट्रेनों को निरस्त किया था।