यह है मामला
24 जुलाई को कटनी नदी पर 4 करोड़ से अधिक का निर्माणाधीन एक हिस्से का पुल तेज धमाके के बाद धंसक गया। इससे हड़कंप की स्थिति बन गई थी। इसके बाद लोक निर्माण विभाग मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने तत्काल सेतु निगम के चार अधिकारियों को निलंबित कर जांच बैठाई। 27 जुलाई को मुख्य अभियंता भोपाल एआर सिंह के नेतृत्व में जांच हुई। जांच रिपोर्ट आना बाकी थी। बता दें कि नदी में 2008 से पुल निर्माणाधीन है और अबतक एक हिस्से का भी काम पूरा नहीं हुआ था और बड़ा हादसा हो गया।
एक माह में देनी थी रिपोर्ट
जांच टीम डॉ. वीरेंद्र कुमार रैना नोयडा ब्रिज एक्सपर्ट कंसलटेंट की अध्यक्षता में आई थी। इसमें मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्राद्योगिक संस्थान विशेषज्ञ, एएस चेंडके तकनीकी सलाहकार मप्र सड़क विकास निगम बतौर सदस्य, एमपी सिंह प्रभारी अधीक्षण यंत्री लोक निर्माण विभाग सदस्य सचिव के रूप में शामिल थे। लोक निर्माण विभाग मंत्रालय भोपाल के निर्देश पर आठ बिंदुओं की जांच रिपोर्ट एक माह में सौपेंगे। ब्रिज क्यों क्षतिग्रस्त हुआ, कार्य त्रुटिपूर्ण था क्या, क्या प्रेसट्रेसिंग का कार्य क्रांकीट कास्टिंग की निर्धारित तिथि के पूर्व हुआ, मापदंडों का पालन हुआ कि नहीं, क्षति के लिए ठेकेदार या अधिकारी जिम्मेदार हैं, कितनी हानि हुई, 10 मार्च 2016 को मुख्य अभियंता सेतु निगम द्वारा ठेकेदार को ब्लैक लिस्टेड किया गया था तब प्रमुख अभियंता द्वारा जिन शर्तों के आधार पर 28 मार्च 17 को बहाल किया तो उसका पालन हुआ कि नहीं। इन सभी बिंदुओं पर जांच रिपोर्ट सौंपी है।
इनका कहना है
ब्रिज धंसकने संबंधी जांच रिपोर्ट आ गई है। इसकी जानकारी स्थानीय अधिकारियों से आप ले सकते हैं। उसी ठेकेदार से ब्रिज बनवाने का काम किया जाएगा।
एआर सिंह, मुख्य अभियंता, लोक निर्माण विभाग।
जांच रिपोर्ट आ गई है। कमेटी विभाग व सरकार को सौंप चुकी है ऐसा बताया जा रहा है। कारण नहीं बताया गया। कोई निर्देश भी नहीं मिले।
रामसज्जन शुक्ला, ठेकेदार।