निर्धारित यूनीफॉर्म में रहेंगे वेंडर
स्टॉल के अलावा जो भी वेंडर प्लेटफॉर्म में खाद्य सामग्री बेचेंगे उन्हें ड्रेस कोड का पालन करना होगा। रेलवे अधिकारियों के अनुसार अब ऐसे वेंडरों को काला पेंट और नेवी ब्लू टीशर्ट में रहकर ही खाद्य सामग्री बेचना पड़ेगी। इसके अलावा वेंडर और लाइसेंसी का नाम भी लिखवाना पड़ेगा। आइडी कार्ड जबलपुर से बनकर आएंगे। तभी यहां-वहां घूमकर खाद्य सामग्री बेचेंगे। खास बात यह है कि गाड़ी के अंदर वे खाद्य सामग्री नहीं बेचेंगे। इसके अलावा दूसरे स्टॉल लगे हैं उनके दो मीटर से दूर ही जाकर बेंच पाएंगे।
दो ठेकेदारों को लगेगी मोटी फीस
मुख्य रेलवे स्टेशन के दो ठेकेदारों को मोटी फीस चुकानी पड़ेगी। फूड प्लाजा और जन आहार वालों को अधिक फीस जमा करनी होगी। ठेका मंजूरी के दौरान जो फीस ज्यादा थी उसी फीस के अनुसार ही अतिरिक्त फीस लगाई जा रही है। जन आहार में 12 वेंडर चलाने के लिए साढ़े 6 लाख रुपये सालाना लगेगी। फूड प्लाजा वाले को 12 वेंडर के लिए 4 लाख 70 हजार रुपये शुल्क लगेगा। बता दें कि हेमंत शुक्ला के 3-4 पर, साहनी के स्टॉल 1-2 पर हैं। इनकों 8-8 वेंडरों के मान से 80 हजार रुपये का शुक्ल जमा करना होगा।