बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व की सीमा से लगे महानदी ब्लॉक, खितौली और विलायतकला एरिया के आधा दर्जन से अधिक गांवों में ग्रामीणों को मुनादी के माध्यम से खेतों में अकेले न जाने की सलाह दी जा रही है। कहा जा रहा है कि हाथी के रास्ते में न आएं और रात में अकेले जाने से बचें। खेतों में प्रकाश की व्यवस्था करके रखे।
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कीटनाशक का छिडक़ाव न करें
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व एरिया में 10 हाथियों की मौत के कारण अबतक स्पष्ट नहीं हो सके है। कोदो-कुटकी की फसल खाने व कीटनाशक का अधिक छिडक़ाव होने के कारण मौत होने से मौत होने का दावा किया जा रहा है। इन दावों के बीच वनविभाग का अमला सीमा से लगे किसानों को खेतों में कीटनाशक का छिडक़ाव न करने की भी सलाह दे रहा है।
डीएफओ गौरव शर्मा ने बताया कि जिले की सीमा से अब हाथियों का मूवमेंट दूर है। इसके बावजूद हम अलर्ट है और लगातार गस्ती दल पेट्रोलिंग कर रहे है। बांधवगढ़ में होने वाले एलीफेंट मैनेजमेंट की ट्रेनिंग के लिए कटनी का अमला भी भेजा जाएगा, जिससे हमारे कर्मचारी भी प्रशिक्षित हो सकें। कटनी में बरही एरिया में करीब छह वर्ष पहले 40 हाथियों का समूह पहुंचा था जिसके बाद से अबतक इस तरफ इनका मूवमेंट नहीं हुआ है। बरहाल, ग्रामीणों को अलर्ट किया जा रहा है।