बतादें कि 8 करोड़ 31 लाख रुपए के धान घोटाले में जांच की धीमी गति और दोषियों को समय रहते बेनाकाब करने मामले में पत्रिका में प्रमुखता से खबर प्रकाशित हुई है। इस बारे में नागरिक आपूर्ति निगम के प्रबंधक ने बताया कि उच्चाधिकारियों के निर्देश पर जांच कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी। इस मामले में कैमोर थाना में प्रगति राइस मिल पर सोमवार शाम एफआइआर दर्ज हो गई थी। शेष दो राइस मिल पर एफआइआर दर्ज करने की प्रक्रिया चल रही थी।
जांच के बाद टीम ने पाया कि मेसर्स सियाराम राइसमिल लक्की रोहरा के फर्म पर 4763 क्विंटल धान राशि 92 लाख 40 हजार 220, मेसर्स प्रगति राइसमिल योगेंद्र उरमलिया धान 3897 क्विंटल व राशि 75 लाख 60 हजर 180 रुपए व मेसर्स वरुण इंडस्ट्रीज गिरधारी लाल सेवलानी धान 4330 क्विंटल राशि 60 लाख 72 हजार 220 रुपए का कम है।
जांच में मिली ये गड़बडिय़ां
– प्रगति राइस मिल – धान उपार्जन केंद्र सलैया कोहारी, विजयराघवगढ़, हदरहटा व करेला से उठाया गया धान परिसर में भंडारित नहीं पाई गई।
– मेसर्स सियाराम इंडस्ट्रीज राइस मिल – डिलेवरी आर्डर के माध्यम से धान उपार्जन केंद्र उबरा व हदरहटा से धान उठाने की बात, लेकिन जांच में परिसर में धान नहीं पाई गई।
– मेसर्स वरुण इंडस्ट्रीज – धान उपार्जन केंद्र बचैया, उबरा, बरही व सिहुड़ी से धान 4330 क्विंटल धान उठाव के विरुद्ध 3130 क्विंटल धान कम पाई गई।
जांच टीम में शामिल अधिकारी
– एलएल अहिरवार क्षेत्रीय प्रबंधक नान जबलपुर
– बालेंद्र शुक्ला जिला आपूर्ति अधिकारी कटनी
– संजय सिंह जिला प्रबंधक नागरिक आपूर्ति निगम रीवा
– मधुर खर्द जिला प्रबंधक नागरिक आपूर्ति निगम कटनी
– वाय एस सेंगर जिला प्रबंधक वेयर हाउसिंग लॉजिस्टिक कटनी